इस्लामाबाद । कंगाली का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए राहत भरी खबर है। पाकिस्तान महीनों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास बेलआउट पैकेज के लिए लगातार हाथ फैला रहा था। कुछ सप्ताह पहले आईएमएफ की हाई-लेवल कमेटी ने पाकिस्तान का दौरा कर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की थी। अब जाकर आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 7 अरब अमेरिकी डॉलर (194570 पाकिस्तानी रुपया) के लोन पैकेज को अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि, इसके लिए पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकानी होगी। आर्थिक और वित्तीय सुधारों के साथ ही टैक्स बेस को भी बढ़ाना होगा। सब्सिडी में भी रिफॉर्म करना होगा। आमलोगों के साथ ही खासकर किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दुनियाभर में आतंकवादियों के लिए पनाहगाह के तौर पर कुख्यात पाकिस्तान की आर्थिक हालत सालों से बेहद खराब है। एक रिपोर्ट के अनुसार पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ से लोन सेक्योर करने के लिए वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब की तारीफ की है। साथ ही कहा कि हमें इसके लिए कुछ बलिदान करने होंगे। पीएम शाहबाज ने कहा, अब हमें अपनी बेल्ट टाइट करते हुए जनता के लिए काम करना होगा। हमें पहली और आखिरी बार राष्ट्र हित में काम करने की जरूरत है। यदि जरूरत पड़ी तो मैं पद भी छोड़ दूंगा, लेकिन किसी दबाव में नहीं आऊंगा। मैं इसे पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं। आईएमएफ ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 7 अरब डॉलर की सहायता राशि लोन के तौर पर देने के लिए सहमत हुआ है। डील डन होने के बाद आईएमएफ के पाकिस्तान प्रमुख नाथन पोर्टर की ओर से भी बयान जारी किया गया है। आईएमएफ ने कहा कि नए प्रोग्राम का लक्ष्य पिछले एक साल में कठिन प्रयासों के जरिये हासिल आर्थिक स्टैबलिटी को आगे बढ़ाना है। नाथन पोर्टर ने साथ ही कहा कि पब्लिक फाइनेंस, महंगाई पर नियंत्रण और आर्थिक अनियमितताओं को और दुरुस्त करने की जरूरत है।
आईएमएफ ने पाकिस्तान को 2 लाख करोड़ का लोन मंजूर किया
21