वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। इसे लेकर सभी तरह की तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा रहा है। आम बजट में भारतीय रेलवे और आम यात्रियों के लिए क्या कुछ खास होगा। यात्रियों को क्या नई सुविधाएं मिलेगी इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आम बजट में 3 से 4 नए इकनॉमिक कॉरिडोर का एलान हो सकता है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत कोल और मिनरल के लिए अलग कॉरिडोर बनाने का एलान हो सकता है। वहीं, देश में पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा इस बजट में हो सकती है। इसके अलावा बुलेट ट्रेन के नए रूट्स का एलान किया जा सकता है। स्टेशन पुनर्विकास और गति शक्ति मिशन को भी प्राथमिकता मिल सकती है। वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। रेल दुर्घटनाओं को देखते हुए बजट में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम कवच के लिए निर्धारित राशि में बढ़ोतरी की जा सकती है। रेलवे के जानकारों का कहना है कि बीते दिनों कई छोटी-बड़ी रेल दुर्घटना हुईं हैं। इसे देखते हुए सरकार को इस बजट में यात्री सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा पर फोकस बढ़ाना चाहिए। सरकार ने अंतरिम बजट 2023 में एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरिडोर बनाने का एलान किया था। अब सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर शामिल कर इस पर तेजी से काम करना चाहिए। ये तीनों कॉरिडोर के समय से पूरा होने से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। अगर सरकार कार्गो ट्रांसपोर्टेशन मार्केट में रेलवे की 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी चाहती है, तो उसे इकनॉमिक कॉरिडोर पर फोकस बढ़ाना होगा। जानकारों का कहना है कि रेलवे को फ्रेट बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए न सिर्फ क्षमता विकसित करनी होगी, बल्कि कई बड़े बदलाव भी करने होंगे। रेलवे को कार्गो मार्केट की जरूरतों के मुताबिक खुद को बदलना होगा। अभी रेलवे खुद को रेल सेवाओं का सप्लायर मानता है। भविष्य में इसे कस्टमाइज्ड लॉजिस्टिक सॉल्यूशन ऑफर करने होंगे। इससे फ्रेट में उसे अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, सरकार को रेल-रोड कनेक्टिविटी, ऑटोमेशन, ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और रोबोटिक्स सहित बेहतर टेक्नोलॉजी पर पूंजीगत खर्च बढ़ाना चाहिए।
आम बजट – रेलवे को मिल सकते हैं नए इकनॉमिक कॉरिडोर
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