नई दिल्ली । भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालिफाई करने पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बयान दिया। केंद्रीय खेलमंत्री ने बताया कि सुबह विनेश का वजन दो बार चेक किया गया। उनका वजन 50 किलो 100 ग्राम पाया गया। जिसके बाद उन्हें डिसक्वालिफाई किया गया। केंद्र सरकार की ओर से इंटरनेशनल संस्थाओं से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हालांकि, इसके बाद भी संसद में हंगामा जारी रहा।
खेल मंत्री ने कहा, इंडियन ओलंपिंक एसोसिएशन ने इंटरनेशनल ओलंपिक संघ से शिकायत की है। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ में भी हमने विरोध दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इंडियन ओलंपिक कमेटी प्रमुख पीटी ऊषा से बात की है। पीटी ऊषा वर्तमान में पेरिस में ही हैं। लोकसभा में खेल मंत्री ने बताया कि विनेश को सरकार की ओर से किस तरह की मदद मुहैया कराई गई।
खेल मंत्री मंडाविया ने बताया कि केंद्र ने उन्हें हर संभव मदद दी। उनके लिए पर्सनल स्टाफ नियुक्त किए। हंगरी के मशहूर कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल को तैनात किया गया। कई स्पारिंग पार्टनर्स, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग एक्सपर्ट को पैसे दिए गए।
लेकिन खेल मंत्री की बात से विपक्षी सांसदों संतुष्ठ नहीं दिखाई दिए। उन्होंने सरकार से इस मामले को हाई लेवल पर उठाने की मांग की। इसके पहले संसद में भी यह मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सहित कई नेताओं ने सरकार से सवाल पूछा। संजय सिंह ने ओलंपिक का बहिष्कार तक करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा ये सिर्फ विनेश नहीं देश का अपमान है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ब्लैक डे करार दिया।
केंद्रीय खेल मंत्री ने बताया ………क्यों हुई विनेश फोगाट डिसक्वालिफाई
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