नई दिल्ली । केंद्र सरकार के मुताबिक रूस की ओर लड़ते हुए अभी तक आठ भारतीय नागरिकों की मौत हुई है। इनकी पहचान उनके परिजनों ने की है। वहीं 13 भारतीय अभी तक स्वदेश वापसी करने में सफल हुए हैं। यह जानकारी तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सिरकर के सवाल के जवाब में गुरुवार को विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्य सभा में दी। मंत्री ने बताया कि 66 भारतीय अभी भी रूस की सेना में काम कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द कार्यमुक्त किए जाने की संभावाना है।
विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि रूस के सशस्त्र बलों में काम कर रहे भारतीय नागिरकों को वहां से छुड़ाने का अनुरोध उनके परिजनों ने किया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के कितने भारतीय रूस के सशस्त्र बलों में काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी सरकार के पास नहीं है। रूस में इस तरह से मारे गए चार भारतीयों के शव लाने के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दूसरे मामलों में भी सरकार मदद करेगी।
उन्होंने बताया कि रूस की सरकार ने बताया है कि इस तरह मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा उनकी ओर से किए गए समझौते के मुताबिक दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि रूस के सशस्त्र बलों में काम कर रहे भारतीयों को समय से पहले कार्यमुक्त करने, उनकी सुरक्षा के मामले को भारत सरकार ने रूसी अधिकारियों के सामने मजबूती से उठाया है। उन्होंने रूस में काम करने की इच्छा रखने वाले भारतीयों से इस तरह के मामलों से बचने के लिए सावधानी बरतने की उम्मीद की।
उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सरकार अवैध एजेंटों की सूची समय-समय पर ई-माइग्रेट पोर्टल पर सार्वजनिक करती रहती है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर जून 2024 तक तीन हजार 42 अवैध एजेंटों के नाम अधिसूचित किए गए हैं।
आठ भारतीय नागरिक रूसी सुरक्षा बलों के लिए काम करते हुए मारे गए, 66 अभी भी काम कर रहे
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