कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर रेजिडेंट से दुष्कर्म व हत्या के विरोध में मंगलवार को ओपीडी बहिष्कार से मरीज परेशान रहे।
एम्स पटना, पीएमसीएच व एनएमसीएच में एक भी पूर्व से तय ऑपरेशन नहीं हुआ और ओपीडी पूरी तरह से बंद रही।
एम्स पटना में 50 से अधिक, पीएमसीएच में 41 व एनएमसीएच में 36 से अधिक सर्जरी स्थगित की गईं। सुदूर जिलों से आए मरीज परिसर में भटकते दिखे और देरशाम तक बहुत से लोगों ने वहीं डेरा जमा लिया।
आइजीआइएमएस प्रदेश का इकलौता अस्पताल था, जहां ओपीडी व पूर्व निर्धारित सर्जरी शाम तीन बजे तक चलीं। इसके बाद सभी रेजिडेंट व वरिष्ठ डॉक्टरों ने इलाज बंद कर अभियान को अपना नैतिक समर्थन किया।
बुधवार को पीएमसीएच व एनएमसीएच के जूनियर रेजिडेंट अपना कार्य बहिष्कार वापस ले सकते हैं। वहीं, एम्स पटना के साथ आइजीआइएमएस में बुधवार को ओपीडी के साथ पूर्व निर्धारित ऑपरेशन का कार्य बंद रहेगा।
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ भासा के डॉ. रणजीत कुमार गुट ने अस्पतालों की ओपीडी बंद कराने का निर्णय लिया है, जबकि भासा के डॉ. दीपक गुट ने ओपीडी बहिष्कार के निर्णय में शामिल नहीं होने की घोषणा की है।
एम्स निदेशक ने इमरजेंसी सेवा मजबूत करने का किया आह्वान
एम्स पटना में मंगलवार सुबह आठ बजे रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने शांतिपूर्ण विरोध मार्च निकाल ओपीडी सेवा व ओटी बंद करा दिए।
शाम तीन बजे निदेशक डॉ. जीके पाल व अन्य पदाधिकारियों ने उनकी सभा को संबोधित कर उनके उद्देश्य को नैतिक समर्थन देते हुए रोगियों के हित में इमरजेंसी व ट्रामा सेवाओं को और सुदृढ़ कर अधिक से अधिक रोगियों का इलाज कराने का आह्वान किया।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन व फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के निर्देशानुसार बुधवार को भी ओपीडी व गैर-आपातकालीन सर्जरी का बहिष्कार जारी रहेगा।
फाइमा के अध्यक्ष डॉ. मनीष जांगड़ा ने हड़ताल को जारी रखने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए सभी से आंदोलन में भाग लेने का आग्रह किया है।
एनएमसीएच में दूसरे दिन कम पहुंचे मरीज
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार की हड़ताल को देखते हुए मंगलवार को बहुत कम मरीज पहुंचे। यहां सुबह से पंजीयन काउंटर पर ताला लगा रहा। इससे न तो कोई पंजीयन हुआ और न ही ओपीडी का ताला खुला।
एक भी मरीज का ऑपरेशन नहीं होने से स्वजन परेशान रहे क्योंकि वे खून आदि का इंतजाम कर चुके थे। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन एनएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. अंकित रंजन के नेतृत्व में हड़ताली डॉक्टरों ने इमरजेंसी के समीप विरोध प्रदर्शन किया।
पीएमसीएच में 41 सर्जरी टलीं, 2,000 मरीज लौटे
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों व टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह, सचिव डॉ. महेश प्रसाद, हड्डी रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. भरत सिंह के नेतृत्व में विरोध मार्च निकाल कर ओपीडी बहिष्कार किया गया।
इस कारण पूर्व से निर्धारित 41 सर्जरी नहीं हो पाईं व 2,000 से अधिक मरीज लौटने को विवश हो गए।
जूनियर डॉक्टरों ने साढ़े आठ बजे खुले रजिस्ट्रेशन काउंटर व ऑपरेशन थिएटर पर सुबह नौ बजे ताला जड़ दिया। इमरजेंसी में सिर्फ छह सर्जरी हुईं जबकि मंगलवार को 46 ऑपरेशन होने थे।
आज ओपीडी बहिष्कार पर भासा दो फाड़
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. महेश प्रसाद सिंह, महासचिव डॉ. रणजीत कुमार, उपाध्यक्ष डॉ. रोहित कुमार व प्रवक्ता डॉ. विनय कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बुधवार को ओपीडी बहिष्कार की सूचना दी है।
उन्होंने बताया कि जूनियर रेजिडेंट से दुष्कर्म व हत्या के विरोध में ओपीडी बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। हालांकि, सभी डॉक्टर ड्यूटी पर रहेंगे और इमरजेंसी रोगियों का उपचार जारी रहेगा।
वहीं, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ डॉ. दीपक गुट ने इस कार्य बहिष्कार का विरोध किया है। महासचिव डॉ. अमिताभ ने बताया कि दोषियों को सजा मिले पर ओपीडी बहिष्कार इसका समाधान नहीं है। इससे प्रदेश की गरीब जनता को निजी अस्पतालों में जाना पड़ेगा।