रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), ने पीएमएलए के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के 4 स्थानों पर छापेमारी की। दो दिन पूर्व यह कार्रवाई की गई। इस दौरान, नकदी और बैंक शेष राशि 1.11 करोड़ रुपये जब्त/फ्रीज किए गए हैं। वहीं 76 लाख रूपए बरामद किए।
ईडी ने एक बयान में बताया कि, राज्य सरकार के अफसरों और राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल होने के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस के 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की। यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि के धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। डीएमएफ खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
ईडी की जांच से पता चला कि, ठेकेदारों ने अफसरों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन/अवैध परितोषण का भुगतान किया है, जो अनुबंध मूल्य का 25 फीसदी से 40 फीसदी तक है। रिश्वत के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली नकदी विक्रेताओं द्वारा आवास प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी। प्रवेश प्रदाताओं और उनके संरक्षकों की तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक विवरण, कई फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी नकदी मिली। तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप, 76.50 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। प्रवेश प्रदाता फर्मों से संबंधित 8 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं। इनमें लगभग 35 लाख रुपये डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न टिकटें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं। आगे की जांच जारी है।