बिलासपुर । शिवनाथ नदी में लाखों मछलियां और मवेशी मरने की घटना पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि पानी की जांच कराई गई है। कुछ जगहों पर गन्दा पानी है, पर ऑक्सीजन की कमी नहीं। कोर्ट ने डिस्टलरी संचालक को अपना जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने 22 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान पूछा था कि इस प्रकरण में एसडीएम की जांच के बाद पर्यावरण मंडल ने क्या कार्रवाई की? शिवनाथ नदी में शराब डिस्टलरी का प्रदूषित पानी और केमिकल नदी में डाले जाने से ग्राम मोहभ_ा, धूमा में हजारों की संख्या में नदी की मछलियाँ मरीं हैं। कुछ मवेशी के शव भी नदी किनारे मिले। हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है।लोकसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी थी। प्रकरण में मुख्य सचिव, आबकारी विभाग, पर्यावरण विभाग, मुंगेली कलेक्टर, एसपी, आबकारी उपायुक्त को पक्षकार बनाया गया है।
सुनवाई के दौरान डिस्टलरी संचालक के अधिवक्ता के जवाब पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने फोटो दिखाते हुए कहा कि कोई इतनी सारी मरी मछलियां नदी में क्यों छोड़ेगा। दरअसल डिस्टलरी संचालक का कहना था कि फिश फार्मर ने ही नदी में मरी मछलियां डाल दी हैं।
शिवनाथ नदी में प्रदूषण से मछलियां मरीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा पानी की जांच कराई
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