सनातन धर्म में भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन भारत नहीं, अपितु पूरे विश्व में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस बार 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। भद्रा एवं पंचक का प्रभाव होने के कारण यह पर्व मध्यान में 1: 31 बजे के बाद आरंभ होगा।
भागवत प्रवक्ता आचार्य ऋतुपर्ण शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाना चाहिए।
इसलिए सोमवार 19 अगस्त को दोपहर 1:31 बजे के बाद ही रक्षाबंधन का त्योहार मनायें। हमारे धर्म में हर कार्य का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी होता है।
हाथ में मौली बंधे होने से रक्तचाप, हृदयरोग, मधुमेह और लकवा जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है।
शरीर विज्ञान के अनुसार कलाई पर मौली बंधे होने से त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का शरीर पर आक्रमण नहीं होता है। इस साल रक्षाबंधन में सुबह से ही भद्रा का साया रहेगा। इसी के कारण दोपहर के डेढ़ बजे के बाद ही राखी बांधना शुभ होगा।
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 4 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हो रही है।
ऐसे में राखी का पर्व 19 अगस्त को है। रक्षाबंधन भद्रा का अंत दोपहर 01 बजकर 30 मिनट होगा। राखी बांधने का समय दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 8 मिनट से आरंभ हो रहा है,जो 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। बताया है कि सूर्य अपनी स्वराशि सिंह राशि में होंगे।
बुध और शुक्र सिंह राशि में रहकर लक्ष्मी नारायण योग, बुधादित्य और शुक्रादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं। शनि शश नामक राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में भाई की कलाई में राखी बांधना काफी शुभ होगा।
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