बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों से रेलवे यात्रियों से स्पेशल ट्रेन के नाम पर अतिरिक्त किराया नहीं वसूलेगा। अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली पैसेंजर, लोकल और मेमू ट्रेनों में एक्स्ट्रा किराया नहीं लगेगा। बिलासपुर डिवीजन के डीआरएम ने हाईकोर्ट में एफिडेविड पेश कर बताया कि पैसेंजर मेमू ट्रेनों में कोई स्पेशल चार्ज नहीं वसूलेंगे।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में उस जनहित याचिका की सुनवाई की जिसमें कोरोना कॉल के बाद से रेलों के अव्यवस्थित परिचालन और पैसेंजर ट्रेनों के बदले स्पेशल गाड़ियां चलाने और लेटलतीफी को मुद्दा बनाया था। कोर्ट का कहना है कि स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे एकस्ट्रा किराया नहीं वसूलेगा। इसके अलावा उन्होंने 2025 से सभी पैसेंजर लोकल मेमू ट्रेनों के नियमित परिचालन शुरू करने की जानकारी दी है।
पिछली सुनवाई के दौरान रेलवे के एडवोकेट रमाकांत ने जानकारी दी थी कि सभी पैसेंजर ट्रेनों को नॉर्मल ट्रेन के रूप में चलने का आदेश हो चुका है। इस पर याचिकार्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी भी पैसेंजर, मेमू लोकल ट्रेनों के सामने नंबर जीरो लगाकर स्पेशल के रूप में चलाई जा रही हैं और ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। इस पर डिवीजन बेंच ने डीआरएम को शपथ पत्र दे कर स्थिति स्पष्ट करने कहा था। बता दें कि बिलासपुर रेलवे जोन सबसे ज्यादा कमाई करने वाले रेलवे जोनों में से एक है इसके बावजूद यात्रियों को होने वाली परेशानियों का यहां कोई अंत नहीं है। यहां ट्रेन लेट चलती है और अक्सर दर्जनों ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता है। वहीं अधोसंरचना निर्माण कार्य और ऐसे ही दूसरे विषय को लेकर लगातार ट्रेनों के रूट में बदलाव किया जाता रहता है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस निर्णय ने आम रेल यात्रियों को राहत दी है।
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