ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के योग और दोष बताए गए हैं किसी भी इंसान के जीवन में इन योग और दोषों की बजह से काफ़ी सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव आते हैं. के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में इन राजयोगों की बड़ी भूमिका होती है. आज हम आपको एक ऐसे राजयोग के बारे में बताएंगे जो अगर किसी की कुंडली में हो तो वह व्यक्ति किसी भी संकट से निकलने में सक्षम होता है और अपने जीवन में खूब धन और प्रसिद्धि प्राप्त करता है. यह योग है गजकेसरी योग.
क्या है गजकेसरी योग ?
गजकेसरी योग एक बहुत ही शुभ योग माना गया है और यह किसी भी जातक की कुंडली में हो तो वह कितना भी गरीब घर में पैदा हुआ हो फिर भी वह धनी हो जाएगा, इतना ताकतवर राजयोग है ये. कुंडली में यह योग देवगुरु वृहस्पति और चंद्रमा से बनता है, कुंडली में गुरु और चंद्र दोनों ही पूर्णबली हो तो यह योग बनता है, कुण्डली में गजकेसरी योग होने पर धन दौलत, नाम, मान -सम्मान सब प्राप्त होता है.
ऐसे बनता है गजकेसरी योग
कुंडली में गजकेसरी योग गुरु और चंद्र से बनता है अगर केंद्र स्थान यानी लग्न,चौथे और दसवें (1,4,10) भाव में गुरु-चंद्र साथ में हो और दोनों ग्रह बली हों तो यह योग बनता है. यदि इन ग्रहों की आपस में युति ना हो तब भी गज केशरी योग बन जाता है बशर्ते गुरु और चन्द्रमा दोनों बली हों और आपस में दृष्टि सम्बन्ध बना रहे हों. इस योग में भी सबसे बड़ा राजयोग जब फलित होगा जब गुरु अपनी उच्च राशि में चंद्रमा के साथ अथवा चंद्रमा भी उच्च राशि में गुरु के साथ हो.जैसे कर्क राशि में गुरु और चन्द्रमा बैठे हों अथवा वृषभ राशि में चन्द्रमा के साथ गुरु बैठे हों या दोनों में से कोई एक अपनी उच्च राशि में बैठकर दूसरे के साथ दृष्टि सम्बन्ध स्थापित कर रहे हों.
यहां सबसे अच्छे परिणाम देता है गजकेसरी योग
यदि अपनी उच्च राशि में बैठकर गुरु और चन्द्रमा आपस में सम्बन्ध बनाकर 4 या 10वें भाव में गजकेसरी योग बना रहे हैं तब ऐसा जातक अपने जीवन में भवन, भूमि, वाहन, माता से सम्बंधित पूर्ण सुख प्राप्त करता है एवं व्यापार में बहुत ऊँचाइयाँ प्राप्त करता है.
जिन जातकों की कुंडली में गजकेसरी योग है उन्हें दूध में हल्दी अथवा केसर मिलाकर पीना चाहिए इससे उनकी कुंडली में यह योग सक्रिय बना रहता है और पूर्ण सुख प्राप्त होता है.