महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ महीनों का समय बाकी है।
इसी बीच खबरें हैं कि महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर पेच फंस रहा है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
खास बात है कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि उस दौरान ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने सीटों की डिमांड रख दी थी।
कौन मांग रहा कितनी सीटें
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना 100 से 105 सीटों पर दावा पेश कर रही है। वहीं, भाजपा 160 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती है।
जबकि, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 60 से 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जता रही है। महाराष्ट्र में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 288 है। इससे पहले साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने साथ मिलकर लड़ा था।
अखबार से बातचीत में पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री शाह के दौरे के दौरान शिवसेना ने 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात रखी है।
उन्होंने बताया कि शाह के सामने पूर्व में अविभाजित शिवसेना के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के प्रदर्शन को प्रेजेंटेशन दिया गया। उन्होंने कहा, ‘हमें मिलने वाले मराठी और हिंदुत्व वोट बरकरार रहे।’
उन्होंने कहा, ‘अपने दम पर शिवसेना (UBT) ज्यादा वोट नहीं ले पाएगी। वो INDIA ब्लॉक के कारण उसे वोट मिलेंगे। अगर हमें 100 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो ही हम शिवसेना (यूबीटी) का मुकाबला कर पाएंगे और महाविकास अघाड़ी (MVA) को हरा पाएंगे।’ रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर इस महीने के अंत तक मुहर लग सकती है।
उन्होंने संभावनाएं जताई हैं कि शिवसेना को 80 से 90 सीटें और एनसीपी को 50 से 60 सीटें मिल सकती हैं। खास बात है कि डिप्टी सीएम पवार 25 सीटों पर भाजपा के साथ फ्रेंडली फाइट की खबरों का खंडन कर चुके हैं।
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