मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए गठबंधन साथियों, एकनाथ शिंदे और अजित पवार से डील करना काफी मुश्किल टास्क बन गया है। अजित पवार सीएम पद पर दावेदारी जता चुके हैं। और इसके लिए भाजपा में भी जाने को तैयार हैं। खबर है की महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार अमित शाह के सामने 2020 के चुनावों के बाद बिहार एनडीए वाले फॉर्मूले अथवा असम की शर्तों पर अमल का आश्वासन चाहते हैं – मतलब, उनकी नजर अब सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। अजित पवार ने अमित शाह के सामने अपनी एक खास ख्वाहिश शेयर की है – बिहार की तरह उनको भी चुनाव बाद महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री घोषित किया जाये। कुछ दिन पहले ही अजित पवार ने हंसते हंसते कहा था, अगर पता होता कि सीएम की कुर्सी मिलेगी तो एनसीपी के और विधायकों को साथ लाता। एनसीपी नेता अजित पवार चाहते हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र में भी वही फॉर्मूला अपनाये जिस पर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अमल किया गया था। बिहार में तो नीतीश कुमार पहले से ही मुख्यमंत्री थे। बाद में उनकी सीटें कम आने के बाद भी बीजेपी ने नीतीश को सीएम बनाया, ऐसा तो 2015 में आरजेडी ने भी किया था। अजित पवार शायद हिमंत बिस्वा सरमा की तरह डील चाहते हैं। 2021 का असम चुनाव लड़ा गया था सर्बानंद सोनवाल के नेतृत्व में लेकिन चुनाव बाद कांग्रेस से आये हिमंत बिस्वा सरमा को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बना दिया – और आज तो वो हर जगह छाये हुए हैं। लेकिन अजित पवार के मालूम होना चाहिये कि ये सब हिमंत बिस्वा सरमा के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही संभव हो सका है – क्या अजित पवार भी इस बात के लिए खुद को तैयार कर चुके हैं?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर गये थे, ताकि सत्ताधारी गठबंधन महायुति में शामिल सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सके। अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं से मुलाकात तो की ही, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ साथ डिप्टी सीएम अजित पवार से भी मिले – बताते हैं कि गठबंधन साथियों के साथ अगले दौर की बातचीत दिल्ली में होनी है। बताया जाता है कि महाराष्ट्र की विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार के बीच लगातार बातचीत हो रही है – और ये सिलसिला करीब 15-20 दिनों से चला आ रहा है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक, बीजेपी में करीब 50 % सीटें फाइनल हो चुकी हैं, और नवरात्र के बाद उम्मीदवारों को उनकी सीटों के बारे में बता भी दिया जाएगा। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी जहां 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी अपने लिए 70 सीटों पर दावा पेश कर चुकी है। करीब 40 सीटें ऐसी हैं जिन्हें लेकर खासतौर से चर्चा हो रही है। एनसीपी वो सीटें तो किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं है, जहां से उसके मौजूदा विधायक हैं। एनसीपी नेताओं का कहना है कि तीन-चार सीटों की अदला-बदली तो की जा सकती है, लेकिन 10-12 वे सीटें भी चाहिये जो 2019 के चुनाव में गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से में आई थीं।
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन साथियों की तरफ से जिस तरह का दबाव महसूस कर रही है, अगर कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी की वजह से समझौता करना पड़ा तो क्या होगा? फिर तो बीजेपी को अपने हिस्से में ही कटौती करनी पड़ेगी। बताते हैं कि अमित शाह और अजित पवार की मुंबई एयरपोर्ट पर अकेले में खास मुलाकात हुई है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए गठबंधन साथियों से डील करना हुआ मुश्किल
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