अमरस रिकॉर्ड्स बैंड बाड़मेर बॉयज के लीड गायक के रूप में अपनी सुरीली आवाज के लिए मशहूर राजस्थानी लोक गायक मांगे खान का बुधवार को निधन हो गया। मांगे खान 49 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि वो दिल की बीमारी से पीड़ित थे और हाल ही में उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी। संगीतकार के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। साथी बैंड सदस्यों सवाई खान और मगदा खान के साथ 'बोले तो मिठो लागे', 'अमरानो', 'राणाजी' और 'पीर जलानी' जैसे गीतों के लिए मशहूर खान ने देश और विदेश में अपनी गायकी के दम पर खूब नाम कमाया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिखेरा अपना रंग
दुनिया के अलग-अलग कोनों डेनमार्क, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और इटली जैसे कई देशों में वो शोज किया करते थे। अमरास रिकॉर्ड्स के संस्थापक आशुतोष शर्मा ने कहा, 'मांगे के जाने से एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। वह एक प्यारे दोस्त और एक बेहतरीन इंसान थे, जिनकी आवाज असाधारण थी। इतनी कम उम्र में उनका दुखद निधन न सिर्फ उनके परिवार और हमारे लिए नहीं, बल्कि संगीत जगत के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है। एक ऐसी आवाज जिसे कभी नहीं बदला जा सकता।'
अस्पताल जाते हुए रास्ते में हुई थी बातचीत
आशुतोष शर्मा ने बताया कि उन्होंने मांगे खान से अस्पताल जाते हुए रास्ते में बात की थी और सिंगर ने उनसे कहा, 'तबीयत जोरदार, मिलते हैं ऑपरेशन के बाद।' शर्मा ने बताया कि उनकी मुलाकात खान से साल 2010 में हुई थी। दोनों राजस्थान के एक गांव में मिले थे। यहीं से दोनों की दोस्ती का सिलसिला शुरू हुआ। दरअसल रुकमा बाई का गाना रिकॉर्ड करने के लिए शर्मा पहुंचे थे। खान उनके पड़ोसी थे और हारमोनियम पर उनके साथ थे। रुकमा बाई के गीतों की रिकॉर्डिंग पूरी करने के बाद, खान ने भी उनके गीतों को रिकॉर्ड करने की इच्छा जताई।
"मांगे खान" की करियर की शुरुआत
अशुतोष शर्मा ने कहा, 'हम उनकी आवाज और गायन शैली से अभिभूत थे। उस शाम हमने मांगे के साथ अपने पहले दो गाने रिकॉर्ड किए 'छल्ला छल्ला' और 'पीर जलानी', जिसे कोक स्टूडियो ने फिर से तैयार किया।' बाड़मेर बॉयज ने 2011 में दिल्ली के सिरी फोर्ट में एक परफॉरमेंस के साथ शुरुआत की। इसके बाद से ही दोनों लगातार साथ काम कर रहे है।