जबलपुर। जबलपुर से लेकर राजधानी भोपाल तक के प्रशासनिक हलकों में उस समय हड़कंप मच गया, जब अधारताल तहसीलदार, पटवारी सहित आधा दर्जन पर विजय नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई. रिपोर्ट दर्ज कराने स्वयं अधारताल एसडीएम शिवाली सिंह विजय नगर थाने पहुंचीं. मामले में तहसीलदार को गिरफ्तार भी कर लिया गया. पूरा मामला कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
विजय नगर थाना प्रभारी ने बताया आधारताल एसडीएम शिवाली सिंह के आवेदन पर अतिरिक्त तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे, पटवारी जागेन्द्र पीपरी, दीपा दुबे, रविशंकर चौबे, अजय चौबे, हर्ष पटेल, अमिता पाठक एवं अन्य पर धारा 229, 318(4)ए 336(3),338,340(2),198,61 का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है. एसडीएम के आवेदन में कहा गया है की हरि सिंह धुर्वे ने 8 अगस्त 2023 के एक आदेश में ग्राम रैगवा के पुराना खसरा नम्बर 51 जिसका वर्तमान खसरा नम्बर 74 है, रकबा 1.01 हेक्टेयर जमीन पर शिवचरण पांडे का नाम विलोपित कर श्याम नारायण चौबे का नाम दर्ज किया था. तहसीलदार पर आरोप है उक्त नामांतरण फर्जी वसीयत के आधार पर किया गया था. बताया जा रहा है कि श्याम नारायण चौबे की बेटी दीपा दुबे तहसील कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर (संविदा) पद पर कार्य करती है. फर्जी तरीके से अतिरिक्त तहसीलदार से उक्त आदेश पारित करवाने में दीपा दुबे और पटवारी जोगिंदर पिपरी की संलिप्तता पाई गई है.
फर्जी नामांतरण मामले में तहसीलदार गिरफ्तार
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