Home राज्य बंगाल में बाढ़ के बीच ममता बनर्जी का बड़ा फैसला, बढ़ सकती है झारखंड सरकार की मुश्किलें

बंगाल में बाढ़ के बीच ममता बनर्जी का बड़ा फैसला, बढ़ सकती है झारखंड सरकार की मुश्किलें

by

झारखंड के मैथन में स्थित डीवीसी के डैम से पानी छोड़े जाने के बाद बंगाल में आई बाढ़ को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तल्ख रुख अपनाते हुए बंगाल में झारखंड के वाहनों के प्रवेश पर गुरुवार से अगले तीन दिनों के लिए प्रवेश पर रोक लगा दी है। उधर बंगाल में आई बाढ़ के लिए ममता ने डीवीसी और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पीएम को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने डीवीसी के साथ समझौता तोड़ने की चेतावनी दी है।

ममता ने उठाया कठोर कदम, मुश्किल में पड़ सकती है झारखंड सरकार

शुक्रवार को पीएम को लिखे गए पत्र में ममता ने कहा है कि बंगाल सरकार दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ सभी समझौतों को रद्द कर देगी, क्योंकि उसके एकतरफा पानी छोडऩे से दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने बाढ़ के कारण हुई व्यापक तबाही से निपटने के लिए केंद्रीय निधि को तुरंत जारी करने का भी अनुरोध किया है।

इससे पहले ममता ने गुरुवार को बाढग़्रस्त इलाकों का निरीक्षण के दौरान इस आपदा के पीछे साजिश करार देते हुए डीवीसी के बांधों से पानी छोडऩे के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने दावा किया कि यह मानव निर्मित बाढ़ है।

झामुमो ने कहा, ममता की मनःस्थिति ठीक नहीं

बंगाल सरकार द्वारा झारखंड के वाहनों को सीमा पर रोक दिए जाने को लेकर बंगाल से लेकर झारखंड तक राजनीतिक घमासान भी छिड़ गया है। इसमें आइएनडीआइए के दो घटक दल तृणमूल कांग्रेस औऱ झामुमो भी आमने-सामने आते दिख रहे हैं। झारखंड के वाहनों का प्रवेश रोक दिए जाने के बंगाल सरकार के निर्णय पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आपत्ति जताई है। शुक्रवार को रांची में झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ममता बनर्जी की मनःस्थिति सही नहीं है।

उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार किसी के सामने घुटने टेकना नहीं जानती है। ऐसा होता तो हेमंत सोरेन जेल की यात्रा नहीं करते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि शुक्र मनाइए कि सिर्फ गेट खोला गया है। अगर डैम टूट जाता तो बंगाल कहां जाता? दीदी का फैसला सही नहीं है। अगर झारखंड बार्डर सील कर दे तो देश के अन्य भागों से बंगाल कट जाएगा।

अपने अफसरों की बजाय झारखंड की जनता पर गुस्सा उतार रहीं दीदी: हिमंत सरमा

असम के मुख्यमंत्री व भारखंड भाजपा के सह चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बंगाल में वहां के अफसरों की विफलता के कारण बाढ़ आई है, लेकिन ममता दीदी अपने अफसरों की बजाय झारखंड की जनता पर गुस्सा उतार रही हैं।

उन्होंने कहा कि बंगाल की बाढ़ में झारखंड की कोई गलती नहीं है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की महागठबंधन सरकार को भी इस मामले में निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चुप्पी चिंताजनक है।

डीवीसी से करार टूटा तो बंगाल के आठ जिलों में छा जाएगा अंधेराः सुवेंदु

डीवीसी के साथ संबंध तोडऩे की ममता की चेतावनी पर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए आगाह किया है। सुवेंदु ने कहा कि अगर डीवीसी से संबंध तोड़े गए तो दक्षिण बंगाल के आठ जिलों की बिजली चली जाएगी और वहां अंधेरा छा जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या ममता खुद को प्रधानमंत्री के समकक्ष मानती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान देश की संघीय भावना को कमजोर कर रहा है।

दो दिनों से जाम में फंसे हैं हजारों वाहन, चालक परेशान

बंगाल में झारखंड के वाहनों का प्रवेश रोक दिए जाने के कारण बंगाल से सटने वाली झारखंड की सीमाओं पर गुरुवार से ही वाहन चालक जाम में फंसे हैं। पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला और बहरागोड़ा में जमशेदपुर-कोलकाता राजमार्ग पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। पूर्वी सिंहभूम से सटी बंगाल की चिचड़ा सीमा पर हजारों ट्रक एनएच पर फंसे हैं। इस कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। उधर, दुमका व पाकुड़ से सटी झारखंड-बंगाल की सीमा पर भी लंबा जाम लगा है।

दुमका के रानीश्वर से सटी महेशखाला सीमा पाकुड़ के पास चांदपुर चेकपोस्ट पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। बोकारो जिले के नागेन मोड़ में भी एनएच-18 पर चास कुर्रा तक भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई है। यहां से होकर झारखंड के वाहन जमशेदपुर औऱ ओडिशा की ओर जाते हैं। इधर से ओडिशा जाने का एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-18 ही है। चंदनकियारी के रास्ते पुरुलिया जाने वाली सड़क भी सीमा पर बंद कर दी गई है।

चंदनकियारी स्थित बीर खाम व मुर्गातल स्थित अंतरराज्यीय सीमा पर मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लग चुकी है। ट्रक चालक धनबाद निवासी फहीम व मुकेश महतो, लातेहार के नितेश मुर्मू, रांची के बेड़ो निवासी कार्तिक ने बताया कि वे गुरुवार की शाम से ही नो इंट्री में फंसे हुए हैं। उनमें से कई के पास खाना खर्च भी नहीं बचा है। उन्हें भारी परेशानी हो रही है।

कई वाहनों को झारखंड सीमा पर रोका

चालकों ने कहा कि माल लदे वाहनों के साथ खाली वाहनों को भी बंगाल पुलिस ने झारखंड सीमा पर रोक दिया है। कच्ची सामग्री लदे वाहनों को भी काफी फजीहत के बाद बंगाल में जाने दिया जा रहा है। आसनसोल में थोड़ी ढील, मेदिनीपुर की ओऱ भेजे गए वाहनआसनसोल से लगने वाली झारखंड-बंगाल सीमा डिबूडीह व रुनाकुना घाट चेकपोस्ट पर शुक्रवार को 24 घंटे बाद वाहनों को थोड़ी ढील दी गई।

यहां झारखंड से जाने वाले ट्रकों को शाम में बंगाल की ओर जाने दिया गया। आसनसोल के डीसीपी ट्रैफिक वीजी सतीश पशुपति ने कहा था कि केवल उन्हीं मालवाहक वाहनों को रोका जा रहा है जो पूर्व मेदिनीपुर की ओर जा रहे हैं, बाकी वाहनों को अब प्रवेश दिया जा रहा है। मेदिनीपुर में बाढ़ की स्थिति में स्थिर को देखते हुए वाहनों को उधर जाने दिया जा रहा है।

You may also like

Leave a Comment