संतानों की लंबी उम्र और सभी विपदाओं से बचाने के लिए माताएं अपने बच्चों के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत करती है. छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला औद्योगिक नगरी है इस लिहाज से यहां सभी प्रान्त के लोग निवास करते है, इसलिए इसे मिनी भारत भी कहा जाता है. इस साल यह व्रत 24 सितंबर 2024 को पड़ रहा है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला यह व्रत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है. इस व्रत को जितिया व्रत भी कहा जाता है. इस साल माताएं अपने संतानों के लिए 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को निर्जला व्रत रखेंगी.व्रत और मुहूर्त को लेकर लोकल 18 ने कोरबा जिले में निवासरत काशी विश्वविद्यालय से आचार्य और ज्योतिष शास्त्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले आचार्य दशरथ नंदन द्विवेदी से बातचीत की…
ज्योतिष आचार्य दशरथ नंदन द्विवेदी ने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस बार 24 सितंबर को शाम 5:45 बजे प्रारंभ हो जाएगी. ऐसे में माताएं 24 तारीख की शाम से व्रत प्रारंभ करेंगे और 25 सितंबर को पूरे दिन और रात निर्जला व्रत रखेंगी और अगले दिन यानी कि 26 सितंबर को व्रत का पारण करेंगी. इसका पारण सुबह 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक किया जाएगा, इसलिए सूर्योदय के पहले पारण करना उचित होगा.
24 तारीख को नहाए खाए के साथ माताएं इस निर्जला व्रत की शुरुआत करेंगी. नहाए खाए के दिन मड़वें के आटा की रोटी, नोनी का साग और तरोई की सब्जी खाने के बाद इस व्रत की शुरुवात माताएं करती हैं.
इस दिन नहाय खाय से शुरू होगा जीवित्पुत्रिका व्रत, इन बातों का रखें ध्यान, जानिए शुभ समय और महत्व
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