नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र का आयोजन आज और कल होगा। आज सदन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन, विजेंद्र गुप्ता, समेत सभी विपक्षी विधायकों को सदन से मार्शल आउट किया गया। नेता प्रतिपक्ष और सभी भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। जिसके कुछ देर बाद भाजपा विधायक सदन में आए। सदन में आप विधायक अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली में सीवर जाम की समस्या के पीछे एलजी जिम्मेदार है। सिविल डिफेंस की नौकरी जाने के पीछे भी वहीं जिम्मेदार है। हमारे गृह मंत्री ने आग्रह किया कि इन सिविल डिफेंस के कर्मचारियों को होम गार्ड के तौर पर भर्ती कर दीजिए। लेकिन इन्होंने ऐसा काम नही किया। वहीं, भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि मार्शल को पक्का करने की योजना सरकार ने क्यों नहीं बनाई। मार्शल को भर्ती करते समय उनकी जांच क्यों नहीं की। पीछे कई वीडियो आए जो गलत व्यवहार को दिखाते थे। एलजी ने होम गार्ड की भर्ती के लिए वेकेंसी निकाली है। अगर सरकार उनके पक्ष में है तो प्रस्ताव लेकर आना चाहिए।
आप विधायक मदन लाल ने कहा कि दिल्ली में सिविल डिफेंस कर्मी की भर्ती से पहले आधिकारियों ने उनकी जांच की थी। आज तक किसी भी सिविल डिफेंस कर्मी को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली। भाजपा के विधायक उनपर सवाल उठा कर उनके चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं। आप विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि दिल्ली के बस मार्शलों को अरविंद केजरीवाल ने डीटीसी बसों में माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए तैनात किया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी। इसके बाद, कोरोना काल में इन्हीं मार्शलों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की। लेकिन साल 2023 में भाजपा के एलजी द्वारा पहले बस मार्शलों का वेतन रोका गया, और फिर एक झटके में उपराज्यपाल ने हजारों बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के 10 हजार बस मार्शल की भर्ती के दौरान उनके सपने को तोड़ा गया। मैं प्रस्ताव पेश कर रहा हूं। जिन्हें लगाया गया था। उन सभी को फिर से वापस लाएगा जाए। मार्शल को पता लगना चाहिए की किस ने उन्हें हटाया है। हमारे पांच बार के विधायक ने एक महिला के दर्द को रखा तो आप उस पर राजनीति करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्तूबर 2023 को पत्र लिखा कि सभी सिविल डिफेंस कर्मी की सेवा अक्टूबर के बाद से खत्म होगी।
आप सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के 10 हजार मार्शल की हालत काफी खराब हैं। कुछ ने आत्महत्या करने की कोशिश की। बस में अक्सर देखा गया है की लड़कियों के साथ गलत व्यवहार होता है। इसी कारण इन्हें बस में मार्शल के तौर पर लगाया है। अधिकारियों ने इस योजना को बनाया। एलजी ने इस स्कीम में कमी तलाशने की जिम्मेदारी तय की गई। अधिकारी ने इनकी फाइल पर लिखा कि इनकी जरूरत नहीं है। इस पर मंत्री ने आपत्ति जाहिर की। बाद में इनका वेतन रोक दिया गया। जनवरी से वेतन नहीं मिला। फरवरी में इस पर सवाल उठाया और वेतन देने को कहा गया। केजरीवाल ने कहा कि इन्हें फिर से बहाल किया जाए। सौरभ भारद्वाज ने कहा की इस सदन से बस मार्शल को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव रखा गया था। 29 फरवरी को संकल्प पास हो चुका है। अगले सप्ताह हमारे मुख्यमंत्री और मंत्री भाजपा विधायक के साथ एलजी के पास जाएंगे। वो जो भी कहेंगे हम लिख देंगे। भाजपा के विधायक बता दें कि वो कब चलना चाहते हैं। जब तक एलजी उसे पास नही करेंगे हम वहा से आएंगे ही नहीं। तीन अक्तूबर 11 बजे एलजी के पास जाएंगे।