Home राज्यछत्तीसगढ़ महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला: छत्तीसगढ़ के कारोबारी की जमानत याचिका पर तीन अक्टूबर को होगी सुनवाई

महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला: छत्तीसगढ़ के कारोबारी की जमानत याचिका पर तीन अक्टूबर को होगी सुनवाई

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महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला: छत्तीसगढ़ के कारोबारी की जमानत याचिका पर तीन अक्टूबर को होगी सुनवाई

महादेव सट्टेबाजी मामले में गिरफ्तार कारोबारी सुनील दम्मानी की जमानत याचिका पर तीन अक्टूबर को सुनवाई

महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला में जेल में बंद कारोबारी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, जानें कब होगी सुनवाई

नई दिल्ली/ रायपुर
 उच्चतम न्यायालय ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार छत्तीसगढ़ के कारोबारी सुनील दम्मानी की जमानत याचिका पर तीन अक्टूबर को सुनवाई करने के लिएसहमति जताई।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से जेल में बंद कारोबारी के वकील ने आग्रह किया कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।

दम्मानी के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल 13 माह से अधिक समय से जेल में बंद है जिसके बाद सीजेआई ने कहा, ‘‘ऐसे मामले जो किसी निश्चित दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं, हम आम तौर पर उससे पहले या बाद में सुनवाई नहीं करते, लेकिन यह एक जमानत याचिका है… हम इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेंगे।’’

पिछले साल 23 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऐप से जुड़े धन शोधन मामले में कथित संलिप्तता के लिए दम्मानी और तीन अन्य को गिरफ्तार किया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा सहित 10 लोगों के ठिकानों पर भी तलाशी ली थी।

सुनील दम्मानी के अलावा, उनके भाई अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उप निरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा और रायपुर निवासी सतीश चंद्राकर को भी मामले में गिरफ्तार किया गया था।

ईडी का धन शोधन मामला दुर्ग जिले के मोहन नगर पुलिस थाने में सट्टेबाजी ऐप ‘महादेव’ के खिलाफ 2022 में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है।

ईडी के अनुसार, दम्मानी बंधुओं की आभूषण की एक दुकान और एक पेट्रोल पंप है और कथित तौर पर हवाला लेन-देन में उनकी भूमिका है।

एएसआई वर्मा ने कथित तौर पर अन्य आरोपियों को पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए उनसे रिश्वत ली और यह भी अंदेशा है कि वर्मा ने अन्य पुलिस अधिकारियों को भी रिश्वत की राशि दी।

 

 

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