अमेरिका में सिलिकॉन वैली के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों के समूह ने न्याय विभाग, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक की तथा उन्हें बताया कि अमेरिकी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
समूह ने कैलिफोर्निया में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते घृणा अपराधों को लेकर इस हफ्ते न्याय विभाग, एफबीआई और स्थानीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में मौजूद कई लोगों के मुताबिक, भारतीय-अमेरिकियों ने इस बात पर नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया कि अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसी उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
हिंदू और जैन मंदिरों के खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि को लेकर समुदाय के नेता अजय जैन भूटोरिया की पहल पर बैठक आयोजित की गई थी। इसमें करीब दो दर्जन प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने शिरकत की।
न्याय विभाग के सामुदायिक संबंध सेवा से विंसेंट प्लैयर और हरप्रीत सिंह मोखा के साथ-साथ एफबीआई अधिकारी और सैन फ्रांसिस्को, मिलपिटास, फ्रीमोंट और नेवार्क के पुलिस विभागों के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक के बाद भारतीय-अमेरिकियों ने कहा कि उन लोगों खासकर हिंदुओं के खिलाफ घृणा अपराधों में अचानक बढ़ोतरी से समुदाय में बहुत भय और चिंता है।
उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थक लोग स्कूलों और भारतीयों से संबंधित किराने की दुकानों के बाहर ट्रक खड़े कर देते हैं और युवा भारतीय-अमेरिकियों को डराते हैं।
समुदाय के कई सदस्यों ने इस बात पर अपनी नाराजगी जतायी कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाई हैं, जो सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को जलाने की कोशिश में शामिल थे और खुलेआम भारतीय राजनयिकों को धमकी दे रहे थे और भारत में आतंकवादी घटनाओं के लिए खुला आह्वान कर रहे थे।
बैठक में मौजूद कुछ सदस्यों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि वरिष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अमेरिका में खालिस्तान आंदोलन के बारे में जानकारी नहीं है और वे चाहते हैं कि भारतवंशी अमेरिका में इन आतंकवादी समूहों के बारे में जानकारी बढ़ाने में उनकी मदद करें। उन्होंने यह भी कहा कि वे संसाधनों और धन की कमी के कारण कार्रवाई नहीं पाए और उनकी अन्य सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।
भूटोरिया ने कहा, “ यह बैठक एक महत्वपूर्ण मौका था क्योंकि हम लोग हिंदू पूजा स्थलों को निशाना बनाकर घृणा अपराधों में वृद्धि का मुकाबला करने के लिए एकजुट हुए थे।” उन्होंने कहा, “पिछले चार महीनों में, सिर्फ बे क्षेत्र में 11 से अधिक मंदिरों पर हमले किए गए, तोड़फोड़ की गई और घृणित बातें लिखी गईं। हमारे समुदाय में भय है, लेकिन हमारा सामूहिक संकल्प पहले से कहीं अधिक मजबूत है।”