रायपुर,
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू किए गए सुशासन तिहार में लोगों को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान मिल रहा है। रायगढ़ जिले में सुशासन तिहार के अंतर्गत आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार के लिए विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। टीम गांवों में पहुंचकर आवेदनों का निराकरण कर रही है। वहीं किसान किताब के आवेदन पर कृषक को उसके घर जाकर प्रति सौंपी गई। मनरेगा के जॉब कार्ड के लिए आवेदकों को घर बैठे ही जॉब कार्ड बना कर दिया गया।
हर ब्लॉक में प्राप्त आवेदनों के आधार पर आज तीन तीन जगहों पर कैंप लगाकर लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी दिक्कतों के समाधान के लिए टीमें पहुंची। ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा के निवासी अनुज कुमार निषाद के बेटे गौरव निषाद के आधार कार्ड में कुछ जानकारी सुधारनी थी। इस त्रुटि के चलते स्कूली छात्र गौरव का अपार आईडी नहीं बन पा रहा था। पिता अनुज निषाद ने सुशासन तिहार में बेटे के आधार कार्ड की जानकारी सुधारने का आवेदन दिया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए उनके बेटे के आधार कार्ड को सुधारने की प्रक्रिया की गयी। इसी प्रकार कई अन्य आवेदकों द्वारा उनके बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया गया था। उस पर भी प्रक्रियात्मक कार्यवाही की गयी।
घर पर मिला किसान किताब
ग्राम कांटाहरदी निवासी देवेन्द्र सिदार ने किसान किताब की द्वितीय प्रति हेतु सुशासन तिहार के अंतर्गत आवेदन किया था। जिला प्रशासन द्वारा इस पर कार्रवाई करते हुए पटवारी को उनके निवास पर भेजा गया। गांव के पटवारी ने दस्तावेजों की जांच करते हुए पंजीकृत रजिस्ट्री से मिलान किया, जिसमें जानकारी सही पाए जाने पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात श्री देवेन्द्र सिदार को किसान किताब की द्वितीय प्रति प्रदान की गई। उन्होंने इस त्वरित समाधान पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया और कहा कि यह पहल शासन की संवेदनशीलता और पारदर्शिता का प्रतीक है, जिससे आम जनता का विश्वास प्रशासन पर और भी दृढ़ हुआ है।
घर-घर पहुंच रही शासन की योजनाओं का लाभ
सुशासन तिहार की जानकारी गांव तक पहुंची तो डूमरपाली निवासी श्रीमती दिव्या साहू ने भी नए जॉब कार्ड के लिए आवेदन दिया। उनके आवेदन को निराकृत करने रोजगार सहायक खुद उनके घर पहुंचे और औपचारिकता पूरी करके नया जॉब कार्ड उन्हें हाथों-हाथ सौंपा। जॉब कार्ड हाथों में आते ही दिव्या ने कहा कि पहली बार ऐसा लगा कि शासन की योजनाएं हमारे दरवाजे तक आयी है। बिना चक्कर लगाए, बिनी किसी परेशानी के मुझे मेरे आवेदन का समाधान मिल गया है। इस तरह छोटे मुड़पार निवासी जानकी कुमारी पटैल एवं कुमारी भावना के आवेदनों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उन्हें उनके घर पर जाकर मनरेगा कार्ड सौंपा गया।