Home राज्यछत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में पांच नक्सलियों ने पुलिस की नीतियों से हुए प्रभावित होकर किया सरेंडर, 17 लाख का था इनाम

छत्तीसगढ़ में पांच नक्सलियों ने पुलिस की नीतियों से हुए प्रभावित होकर किया सरेंडर, 17 लाख का था इनाम

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रायपुर/सुकमा.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलोंं के बढ़ते दबाव और नए पुलिस कैंप खुलने से पांच नक्सलियोंं ने अपने संगठन को छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ने की इच्छा जताते हुए पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। इन सभी नक्सलियों के ऊपर करीब 17 लाख का इनाम था और ये सभी नक्सली अलग-अलग घटनाओं में भी शामिल थे।

आत्मसमर्पण नक्सली नीति, नक्सली संगठन के पीएलजीए बटालियन नंबर 1 और दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी मेंं अलग-अलग पदों पर लंबे समय से काम कर रहे थे। सीआरपीएफ के आला अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पित पाचों नक्सली जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में घटित बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। जिसमें टोण्डामरका मुठभेड़, सलातोंग मुठभेड़ और साकलेर मुठभेड़ प्रमुख रूप से हैं।

पांच नक्सलियों पर था 17 लाख रुपये का इनाम
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलवाद से तंग आकर आठ लाख के इनामी पीएलजीए बटालियन नम्बर 01 की सप्लाई टीम डिप्टी कमाण्डर और पीपीसीएम मड़कम पांडू, पांच लाख के इनामी पामेड़ एरिया कमेटी सदस्य व एरिया मेडिकल टीम प्रभारी एसीएम मडकम मासा, दो लाख के इनामी प्लाटून नम्बर 10 ‘बी’ सेक्शन कमाण्डर कोमरम दूला, एक लाख की इनामी महिला पीएलजीए बटालियन सदस्या रव्वा भीमे और दक्षिण सब जोनल ब्यूरो प्रेस टीम सदस्य व पार्टी सदस्य शेखर उर्फ मुका सोड़ी ने पुलिस के समक्ष बिना हथियार के सरेंडर कर दिया।

कई बड़ी घटनाओं में रहा शामिल
इस दौरान आत्मसमर्पित नक्सलियोंं को पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों ने प्रोत्साहन राशि भी दी गई है। पुलिस के अनुसार, मड़कम पांडू पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 का सप्लाई टीम डिप्टी कमाण्डर और पीपीसीएम के रूप में काम कर रहा था। दिसंबर 2011 से फरवरी 2012 तक ग्राम कन्हाईपाड़ मिलिशिया सदस्य के रूप में काम किया। उसके बाद मार्च 2012 मार्च से 2016 तक पीएलजीए बटालियन सप्लाई टीम पीएलजीए सदस्य रहा। साल 2017 से अप्रैल 2024 तक पीएलजीए बटालियन सप्लाई टीम डिप्टी कमाण्डर/पीपीसीएम की कमान सौंपी गई। मड़कम पांडू टोण्डामरका मुठभेड़, दुरमा मुठभेड़, सलातोंग मुठभेड़ और साकलेर मुठभेड़ में शामिल रहा।

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