नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी का संकट गहराया हुआ है। इस मसले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इस मामले पर जस्टिस प्रशांत कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में अदालत ने याचिका में खामियों को सुधारने के लिए कहा था। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि हिमाचल का हलफनामा देखा जाए। ये हलफनामे 9 और 11 जून के हैं। हिमाचल पानी मुहैया कराने को तैयार है। सिंघवी ने नक्शा दिखाया और हथिनी कुंड बैराज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर सचिवों की ओर से हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया जा रहा है? आखिर गलत बयानी क्यों की जा रही है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में टैंकर माफिया हैं और दिल्ली सरकार कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है। आप अगर कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो हम दिल्ली पुलिस को जिम्मेदारी सौंपे। अदालत ने सरकार से पूछा आखिर आपने क्या कदम उठाए हैं? दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने कदम उठाए हैं और अगर पुलिस भी एक्शन ले तो हमें खुशी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पानी की बर्बादी पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि आपने पानी की बर्बादी को लेकर क्या कदम उठाए हैं, उस पर रिपोर्ट दें। दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने जो कदम उठाए हैं, वो हम बताएंगे, बाकी कोर्ट चाहे तो और उपाय सुझा सकता है। सुनवाई के दौरान कहा गया कि दिल्ली में 52.5 फीसदी पानी की बर्बादी होती है। हिमाचल सरकार के वकील ने दलील देते हुए कहा कि हमारे पास अतरिक्त पानी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपने पास अतिरिक्त पानी है तो ना मुहैया कराकर आप अवमानना कर रहे हैं। अगर ऐसा है, तो संबंधित अधिकारी जेल जाएगा। दिल्ली सरकार और संबंधित पक्षकार आज व कल में हलफनामा दाखिल कर दें।
पानी संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगी रिपोर्ट
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