हमास के खिलाफ युद्ध के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने दोहरी चुनौती आ गई है।
एक तरफ बंधकों की रिहाई न होने से अपनों में नाराजगी बढ़ने लगी है। वहीं, दूसरी तरफ हाल-फिलहाल हमास के खिलाफ युद्ध खत्म होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं।
यानी वह हमास का इलाज ढूंढ पाने में अभी तक नाकाम है। इन सबसे बीच हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
गुस्साए परिजनों ने शनिवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है नेतन्याहू सरकार हमास द्वारा बंधक बनाए गए सैकड़ों इजरायलियों को छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है।
वहीं, गाजा में युद्ध लंबा खिंचता चला जा रहा है। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के साथ शुरू हुए इस युद्ध में दोनों पक्षों से अभी तक बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं।
रहम की भीख
बंधकों के परिवारों के एक समूह ने कहा कि हम लोग 105 दिनों से रहम की भीख मांग रहे हैं। अब हम सरकार से मांग करते हैं कि बंधकों को छुड़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाए जाएं।
इस बीच इजरायल वॉर कैबिनेट के एक सदस्य ने कहा है कि बंधकों को छुड़ाने का एकमात्र रास्ता सीजफायर है। इस टिप्पणी के चलते इजरायल की वर्तमान रणनीति की काफी आलोचना हो रही है।
हमास और इजरायल के बीच युद्ध को चार महीने हो चुके हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन हुआ है और इजरायली आर्मी के पूर्व मुखिया गादी आइसेनकेट ने जिस तरह टिप्पणी की है, वह दिखाता है कि युद्ध को लेकर इजरायल के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है।
दोहरा दबाव
गौरतलब है हमास के खिलाफ युद्ध को लेकर इजरायल सरकार को परस्पर विरोधी दबावों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ तो वह युद्ध तेज करके अपने दक्षिणपंथी सहयोगियों को खुश करना चाहता है।
वहीं, दूसरी तरफ नेतन्याहू के ऊपर कुछ अन्य दबाव भी हैं। इसमें अमेरिका से लेकर बंधकों के परिवार तक का दबाव शामिल है।
इन सभी को डर है कि युद्ध लंबा खिंचने की सूरत में कहीं बंधकों की जान खतरे में न पड़ जाए।
गौरतलब है कि इजरायली नेतृत्व का कहना है कि वह हमास के खिलाफ पूर्ण जीत तक लड़ाई जारी रखेगा। हालांकि उसने यह नहीं स्पष्ट किया है कि इसके लिए उसकी रणनीति क्या होगी।
इस बीच महिलाओं के लिए कार्य करने वाली एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ (यूएन वीमेन) ने बताया है कि इजराइल और गाजा के बीच जारी युद्ध में 16,000 महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं।
एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि प्रत्येक घंटे में दो माताएं दम तोड़ रही हैं। इसके मुताबिक 100 से अधिक दिन के संघर्ष के कारण कम से कम 3000 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया है और कम से कम 10,000 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में एजेंसी ने उन परेशानियों का जिक्र किया जो महिलाओं को संघर्ष वाले स्थानों को बच्चों के साथ छोड़ने के कारण उठानी पड़ती है।
रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र की आबादी 23 लाख है। इसमें से लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हैं, जिनमें करीब दस लाख महिलाएं और लड़कियां हैं, जिन्हें आश्रय और सुरक्षा की तलाश है।