अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं।
अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के आने से न सिर्फ देश में बल्कि दुनियाभर के देशों में उल्लास है। न्यूयॉर्क से लेकर सिडनी तक भगवान राम के अभिषेक को लेकर खुशी मनाई जा रही है।
मगर हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भगवान राम का अपनी जन्मभूमि पर वापस से विराजमान होना सहन नहीं हो रहा है। पाकिस्तान की सरकार ने राम मंदिर के उद्घाटन की निंदा की है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन भारत के बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि चरमपंथियों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह दुर्भाग्य है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बरी कर दिया, बल्कि ढहाए गई मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर के निर्माण की भी अनुमति दे दी।”
भारत के खिलाफ उगल रहा जहर
कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान की रुचि दूसरे मुल्कों की गतिविधियों पर खास है। पाकिस्तान के अपने मुल्क में क्या हो रहा है… इसके लिए वहां के शीर्ष नेताओं की आंखों पर पट्टी बंधी है।
पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, “पिछले 31 सालों के विवाद के कारण आज का राम मंदिर का समारोह हुआ, यह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। ये भारतीय मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर हाशिए पर धकेल देने का प्रयास है।”
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि मस्जिद के स्थान पर मंदिर भारत के लोकतंत्र पर एक धब्बा है। पाकिस्तान ने कहा, “विशेष रूप से वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद सहित कई मस्जिदों की लिस्ट बढ़ती जा रही है, जो विनाश के कगार पर हैं।”
दुनियाभर में रामलला के आने पर जश्न
अयोध्या में सोमवार को हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव मनाने के लिए राम भक्तों और भारतीय समुदाय के सदस्य न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम्स स्कवायर सहित दुनियाभर में विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए, प्रार्थना सभाएं कीं, कार रैली निकाली और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये।
अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के सदस्य एकत्र हुए। उन्होंने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखा।
लोगों को पारंपरिक पोशाक पहने, नृत्य करते, भजन और अन्य गीत गाते देखा गया।
वाशिंगटन में वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी में स्थित एसवी लोटस टेम्पल में सिख, मुस्लिम और पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय के सदस्य भी इस समारोह में शामिल हुए।
रविवार को हुए कार्यक्रम में 2,500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। अमेरिकी शेयर बाजार ‘नैस्डैक’ की स्क्रीन पर भी राम मंदिर की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के तुरंत बाद वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका और विश्व हिंदू परिषद ऑफ कनाडा ने दोनों देशों में एक हजार से अधिक मंदिरों के दर्शन के लिए राम मंदिर यात्रा की घोषणा की।
विहिप अमेरिका द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह यात्रा 25 मार्च को मैसाचुसेट्स के बिलेरिका में ओम हिंदू केंद्र से शुरू होगी, जिसमें श्री राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां एक सजे-धजे वाहन पर होंगी।
अमेरिका और कनाडा में होने वाली इस महत्वाकांक्षी यात्रा को 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर त्रिनिदाद और टोबैगो में हजारों की संख्या में लोग एक कार्यक्रम में शामिल हुए जिनमें बड़ी संख्या भारतीय समुदाय के सदस्य थे।
रविवार को आयोजित इस समारोह में 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकप्रिय भजन एवं गीत भी गाए गए।
त्रिनिदाद और टोबैगो की राम जन्मभूमि स्थापना समिति ने भारतीय प्रवासियों और सामुदायिक संगठनों के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
इस कार्यक्रम में 550 दीये भी जलाए गये। त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों द्वारा आयोजित भव्य समारोह में भाग लेना सम्मान की बात है।”
वहीं मॉरीशस सरकार ने इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर में होने वाली प्रार्थना सभाओं में भाग लेने के लिए हिंदू धर्म के कर्मचारियों को दो घंटे की विशेष छुट्टी दी।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने एक्स पर पोस्ट किया, “आइए श्री राम के अयोध्या लौटने पर खुशी मनाएं। उनका आशीर्वाद और शिक्षाएं, शांति व समृद्धि की दिशा में हमारा मार्ग प्रशस्त करती रहे। जय हिंद! जय मॉरीशस!”
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर मेक्सिको के क्वेरेटारो शहर में भगवान राम के पहले मंदिर की स्थापना हुई। क्वेरेटारो में भगवान हनुमान का मंदिर पहले से है।
मेक्सिको में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत से लाई गई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा एक अमेरिकी पुजारी द्वारा की गयी।
भारतीय प्रवासियों द्वारा गाए गए भजन और गीत से पूरा सभागार गूंज उठा।” इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के 250 से ज्यादा प्रवासी भारतीय शामिल हुए।
इसके अलावा, फिजी के सुवा में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और फिजी की श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा ने 18 से 22 जनवरी तक रामलला उत्सव का आयोजन किया था।