जेद्दा । इजरायल में सेना से लेकर जनता तक ईरान के हमले की तैयारी कर रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि ईरान जल्द ही इजरायल के अंदर हमला कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र ने अपनी एयरलाइंस के विमानों को कुछ घंटों के लिए ईरानी क्षेत्र से उड़ान न भरने को कहा है। जॉर्डन ने भी विमानों से 45 मिनट का अतिरिक्त ईंधन रखने को कहा है। दरअसल सऊदी अरब के जेद्दा में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के देशों की असाधारण बैठक हुई, जिसमें ईरान इजरायल पर हमले की बात करते हुए अरब देशों को भी धमकी दे डाली। ये बैठक ईरान के अनुरोध पर ही बुलाई गई थी।
ओआईसी की बैठक में ईरानी प्रतिनिधि ने अरब देशों को चेतावनी देकर कहा कि वे लड़ाई से दूर रहें। ईरान के एक्टिंग विदेश मंत्री ने ओआईसी की बैठक में कहा कि सभी मुस्लिम देशों को ईरान का जवाबी कार्रवाई का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि हानिया की हत्या करके तेहरान की संप्रभुता का उल्लंघन किया गया है।
ईरान की अरब देशों को ये धमकी यूं ही नहीं दी है। इस साल अप्रैल की शुरुआत में इजरायल ने सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर इजरायल ने हवाई हमला किया था। इसमें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष कमांडरों में शामिल जनरल मोहम्मद रजा जहेदी सहित सात अधिकारी मारे गए थे। ईरान ने 13 अप्रैल को जवाबी कार्रवाई कर इजरायल के ऊपर 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन से हमला बोला था। तब जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी इजरायल का साथ दिया था। हालांकि, सऊदी ने खुलकर स्वीकार नहीं किया था।
बीती 31 जुलाई को हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या पर सऊदी अरब और यूएई जैसे प्रमुख अरब देशों ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाई है। सऊदी अरब के प्रभाव वाले ओआईसी की बैठक में ईरान को जैसी उम्मीद थी, हानिया की हत्या पर उस तरह से तीखी बयानबाजी नहीं देखने को मिली। हालांकि, संयुक्त बयान में हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी निंदा की गई है।
इजराइल को छोड़ अरब देशों पर ही बरस पड़ा बौखलाया ईरान
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