गणतंत्र दिवस के मौके पर खालिस्तानी आतंकवादियों की धमकी के बीच भारत ने कनाडा को आगाह किया है।
भारत ने कनाडा से अपने राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। कल यानी 26 जनवरी को कनाडा स्थित भारतीय मिशनों में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित किए जाएंगे।
इस दौरान खालिस्तानी उपद्रव मचा सकते हैं। भारत ने खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा विरोध प्रदर्शन के खतरे के कारण कनाडा से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कहा, “हमने भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर कनाडाई अधिकारियों को आगाह कर दिया है।”
पिछले साल 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे।
ट्रूडो ने कहा था कि 18 जून को कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंटों का हाथ था।
भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था। इस पूरे विवाद के बाद, यह पहली बार होगा जब कनाडा में ध्वजारोहण समारोहों सहित सभी मिशनों में राष्ट्रीय समारोह आयोजित किए जाएंगे।
पिछले साल मार्च में ‘वारिस पंजाब दे’ के नेता अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया था।
इसके बाद से सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। 23 मार्च, 2023 को, प्रदर्शनकारी सड़क को पार कर भारतीय उच्चायोग तक पहुंच गए थे और तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी।
इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जून में एक चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में उस विरोध प्रदर्शन को लीड करने के लिए अमृतपाल सिंह के साले अमरजोत सिंह को आरोपी बनाया गया था।
इन उपद्रवियों ने उच्चायोग में धुआं वाले बम फेंके थे। कनाडा पुलिस ने भले ही इस घटना की जांच की थी, लेकिन उसने किसी को अभी तक गिरफ्तारी नहीं किया है।
निज्जर की हत्या के बाद से अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने कनाडा में भारतीय अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी भी तेज कर दी है।
उन्होंने कनाडा में भारत के सबसे वरिष्ठ राजनयिकों की तस्वीरों और नामों के नीचे ‘वांटेड’ शब्द वाले पोस्टरों का इस्तेमाल कर चेतावनी दी है। खालिस्तानियों ने कई मंदिरों को भी निशाना बनाया।