गाजा में इजरायल के हमले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने फैसला सुनाते हुए नरसंहार को रोकने का आदेश दिया है।
दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। हालांकि इसे दक्षिण अफ्रीका के लिए भी झटका माना जा रहा है।
आईसीजे ने सीजफायर को लेकर कोई भी आदेश नहीं दिया है जबकि दक्षिण अफ्रीका ने युद्धविराम की ही मांग की थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में सहमति नहीं जताई। यह बात फिलिस्तीनियों को भी निराश करने वाली है।
फैसले में ICJ ने क्या कहा
आईसीजे ने इजरायल से कहा कि वह गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों का नरसंहार बंद कर दे और अब तक हमले में हुई मौतों का पूरा ब्यौरा दे।
कोर्ट ने कहा कि इजरायल इस बात को सुनिश्चित करे कि उसकी सेना गाजा में नरसंहार ना करे और मानवीय स्थिति को देखते हुए सुधारवादी तरीके अपनाए। आईसीजे ने इजरायल से एक महीने के अंदर ही रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने गाजा पट्टी में नरसंहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था। इसके बाद उसे कोलंबिया और ब्राजील का भी साथ मिला था। इस याचिका में कहा गया था कि इजरायल जिनेवा कन्वेंशन के तहत अपने कर्तव्यों का उल्लंघन कर रहा है।
वह जो कर रहा है वह जिनेवा कन्वेंशन के तहत गलत है। इसके बाद कोलंबिया के विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका का मुकदमा एक साहसी कदम है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासिलो लूला दा सिल्वा ने भी कहा कि इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
आईसीजे में 17 जज इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। इनमें से ज्यादातर ने कहा कि इरजाल को ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे कि फिलिस्तीनी लोगों को शारीरिक और मानसिक नुकसान ना हो।
हालांकि बता दें कि यह आईसीजे का अंतिम फैसला नहीं है। वहीं बात करें आईसीजे के आदेशों को लागू करने की तो ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जो कि इसे लागू करवा सके। ऐसे में कई बार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला केवल कागजों पर ही रह जाता है।