Home विदेश मुझे बख्श दोगे, तभी मानूंगा युद्ध विराम की बात; खौफजदा हमास चीफ ने क्यों रखी अनोखी शर्त…

मुझे बख्श दोगे, तभी मानूंगा युद्ध विराम की बात; खौफजदा हमास चीफ ने क्यों रखी अनोखी शर्त…

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इस्माइल हानियेह की मौत के बाद यह्या सिनवार को हमास का नया चीफ बनाया गया है।

यह्या सिनवार ने ऐसे वक्त में हमास की कमान संभाली है जब गाजा संघर्ष को लेकर युद्ध विराम के लिए चर्चाओं का दौर जारी है।

इसी बीच ऐसी जानकारी सामने आई है कि हमास के नए चीफ ने युद्ध विराम को लेकर एक नई शर्त रखी है। हमास के नेता यह्या सिनवार ने अपने जीवन की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय गारंटी की मांग की है।

सिनवार ने बंधकों की रिहाई के सौदे के तहत इसरायल से यह आश्वासन भी यह आश्वासन चाहता है कि नेतन्याहू की खुफिया सेना उसे अपना शिकार नहीं बनाएगी।

गौर करने वाली है कि यह वही यह्या सिनवार है जिसने पहले दंभ भरते हुए कहा था कि वह शहीद होने से नहीं डरता।

उसने पहले कहा कि अगर उनकी मौत होनी है, तो वह इसरायली हवाई हमले से मरने को प्राथमिकता देंगे, न कि किसी बीमारी से।

मगर हाल के दावे में यह स्पष्ट हो रहा है कि वह अपनी जान की सलामती चाहता है। सिनवार न केवल अपनी जान बचाने की कोशिश में लगा हैं, बल्कि गाजा पट्टी में सत्ता के शीर्ष पर बने रहने की अपनी महत्वाकांक्षा को भी पूरा करना चाहता है।

उसे विश्वास है कि इसरायली बंधकों का पत्ता खेलकर वह अपने नेतन्याहू से अपनी जान का सौदा कर सकता है।

दूसरी ओर, इजराइल ने स्पष्ट किया है कि वह सिनवार के खात्मे के अपने उद्देश्य से पीछे नहीं हटेगा। इससे पहले ही हमास के कई शीर्ष सैन्य कमांडरों जैसे मोहम्मद डेफ और मारवान ईसा को इजराइल ने खत्म कर दिया है।

पिछले कुछ महीनों में इजरायली सरकार और सुरक्षा अधिकारियों ने एक संभावित योजना पर विचार किया था जिसमें गाजा पट्टी में हमास के सैन्य नेतृत्व को निर्वासित करके संघर्ष समाप्त करने की प्लानिंग थी। इस योजना में यह्या सिनवार और उनके भाई मोहम्मद सिनवार देश से बाहर भेजने का प्रस्ताव था।

हालांकि, इस समय ऐसी कोई योजना सक्रिय नहीं है। इसके विपरीत हमास का सैन्य नेतृत्व अपने रुख को और भी कठोर कर रहा है और इसरायल के साथ किसी भी नए बंधक रिहाई सौदे के लिए कठिन शर्तें रख रहा है।

इजरायल के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सिनवार भाइयों के निर्वासन का प्रस्ताव अगर भविष्य में कभी आया, तो यह इजरायल के युद्ध कैबिनेट के लक्ष्यों के विपरीत नहीं होगा। कतर, तुर्की, और लेबनान जैसे देशों ने सिनवार भाइयों को शरण देने की पेशकश भी की है।

लेकिन हमास ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा है, और वह गाज़ा में रहकर इसराइली सेना से लड़ाई जारी रखेंगे और उन्हें हराएंगे।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने स्पष्ट कर दिया है कि हमास के सैन्य नेतृत्व के पास केवल दो विकल्प हैं- आत्मसमर्पण या मौत।

इजराइल ने दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और सिनवार भाइयों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

सिनवार का निर्वासन स्वीकार्य नहीं है और इजराइल की नीति उनके खात्मे की होनी चाहिए न कि उन्हें गिरफ्तार करने या मुकदमा चलाने की।

इजरायल का साफ मानना है कि यह्या और मोहम्मद सिनवार दोनों ही कई इसरायली नागरिकों और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं और उनकी सजा केवल मौत होनी चाहिए।

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