ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 1982 में लेबनान के गृहयुद्ध के दौरान हिजबुल्लाह की स्थापना की थी।
संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पश्चिमी सरकारें इसे आतंकवादी समूह मानती हैं। सऊदी अरब सहित सुन्नी मुस्लिम खाड़ी अरब राज्य इस संगठन को आतंकी समूह बताते हैं। हिजबुल्लाह शिया इस्लामवादी समूह है।
फलस्तीनियों के साथ एकजुटता में इजरायल से भिड़ा
हिजबुल्लाह मध्य पूर्व में ईरान समर्थित समूहों का गठबंधन है, इसमें फलस्तीनी इस्लामवादी आंदोलन हमास भी शामिल है।
हमास ने ही 7 अक्तूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद गाजा में युद्ध शुरू हुआ। फलस्तीनियों के साथ एकजुटता की घोषणा करते हुए हिजबुल्लाह ने इजरायली ठिकानों पर गोलीबारी शुरू की। दोनों पक्षों के बीच लगभग रोजाना हमले हो रहे हैं।
इस क्षेत्र पर हिजबुल्लाह का प्रभाव अधिक
हिजबुल्लाह ने इराकी शिया मिलिशिया सहित पूरे क्षेत्र में ईरानी समर्थित समूहों का समर्थन किया है। ईरानी राष्ट्रपति बशर अल-असद को सीरिया में युद्ध लड़ने में मदद करने में बड़ी भूमिका निभाई थी, सीरिया में अभी भी हिजबुल्लाह के लड़ाके हैं। सऊदी अरब का कहना है कि हिजबुल्लाह ने यमन में हूतियों के समर्थन में भी लड़ाई लड़ी है। हालांकि हिजबुल्लाह ने इससे इनकार किया है।
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