रूस और यूक्रेन के बीच जंग लगातार खतरनाक होती जा रही है और यूक्रेन ने रूसी शहरों पर हमले तेज कर दिए हैं।
रविवार को रूसी शहर की बड़ी इमारतों पर हवाई हमलों के वीडियो जारी हुए। रूसी शहरों पर यूक्रेन के ड्रोन हमलों ने अमेरिका में हुए 9/11 हमले की याद ताजा कर दी।
हालांकि जवाबी कार्रवाई में रूस ने भी 100 से अधिक हवाई हमलों से यूक्रेनी शहरों को दहला दिया। इस भयानक युद्ध के बीच पुतिन नई मुश्किल में फंस गए हैं।
पुतिन की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप ने ही रूसी सेना का साथ छोड़ दिया है। वैगनर ग्रुप ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उनके सैनिक अब यूक्रेन में युद्ध नहीं लड़ रहे हैं।
दरअसल, फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान पुतिन की खूंखार वैगनर आर्मी ने यूक्रेनी शहरों में कत्लेआम मचाया था।
कई यूक्रेनी शहरों को श्मशान घाट बना डाला था। वैगनर आर्मी ने यूक्रेन के बखमुत शहर में जमकर नरसंहार किया था और मई 2023 में सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया था लेकिन, अब जब यूक्रेन ने रूस पर पलटवार करना शुरू कर दिया है, वैगनर आर्मी ने युद्ध से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
वैगनर आर्मी ने यूक्रेन में यु्द्ध नहीं करने की वजह का तो खुलासा नहीं किया लेकिन, यह बयान पुतिन और रूसी सेना का मनोबल तोड़ने के लिए काफी है।
वैगनर ग्रुप ने सोमवार को कहा कि वह केवल अफ्रीका और रूसी सहयोगी बेलारूस में काम कर रहा है, इसके अलावा और कहीं नहीं।
यूक्रेन ने रविवार को बेलारूस से अपनी साझा सीमा पर तैनात महत्वपूर्ण बलों को वापस बुलाने का आह्वान किया। इसमें कहा गया है कि इनमें बेलारूस के विशेष बल और पूर्व वैगनर भाड़े के सैनिक शामिल हैं।
एक दुर्लभ बयान में, समूह ने कहा कि उसके कर्मचारी केवल अफ्रीका और बेलारूस में काम करते हैं। यह भी कहा गया, “रूसी नेशनल गार्ड में वैगनर आर्मी अब रूसी रक्षा मंत्रालय के भीतर किसी भी रैंक में नहीं है और न ही रूसी सेना की किसी कंपनी में काम कर रही है।
गौरतलब है कि अगस्त 2023 को एक विमान दुर्घटना में वैगनर आर्मी के चीफ प्रिगोझिन समेत कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके पीछे रूस का हाथ बताया गया था। जिसके बाद पुतिन और वैगनर आर्मी के बीच तल्ख रिश्ते सामने भी आए।
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