पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय जेल में हैं।
तीन मामलों में सजा होने की वजह से वह चुनाव भी नहीं लड़ पाए। यहां तक कि उनकी पार्टी का निशान तक जब्त कर लिया गया औऱ इसलिए उनकी पार्टी के नेताओं को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरना पड़ा।
हालांकि चुनाव में प्रदर्शन की बात करें तो इमरान खान का ही प्रदर्शन अव्वल बताया जा रहा है। वहीं नवाज शरीफ पर चुनाव में धांधली के आरोप लग रहे हैं।
इसके अलावा नवाज को आर्मी का पसंदीदा माना जाता है। फिलहाल अभी चुनाव के पूरे नतीजे सामने नहीं आए हैं। हालांकि जीत का दावा पीएमएल-एन और पीटीआई दोनों ही कर रहे हैं। इमरान खान ने भी विक्ट्री स्पीच दी है।
रिपोर्ट्स पर गौर करें तो इमरान खान को युवाओं का जमकर समर्थन मिला है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले युवा बड़ी संख्या में इमरान खान के साथ जुड़े थे।
एक लॉ स्टूडेंट ने कहा, हम सुबह से शाम तक नतीजों को देख रहे थे। हालांकि अपने ग्रुप के नेताओं के नाम और उनके निशान याद रखना बेहद मुश्किल काम है। सबको अलग-अलग निशान मिले हैं।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी शुक्रवार को ही जीत का ऐलान कर दिया है। उनका दावा है कि 95 सीटों के साथ उनकी पार्टी सबसे आगे है और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है।
वहीं बात करें बिलावल भुट्टो की पीपीपी की तो वह किंगमेकर की भूमिका में हैं। हालांकि पीपीपी नवाज शरीफ के नाम पर समर्थन नहीं देगी।
ऐसे में सवाल उठता है कि पीएमएल-एन अगर सरकार बनाती भी है तो क्या शहबाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे?
शुक्रवार शाम चार बजे तक की बात करें तो इमरान के ग्रुप को सबसे ज्यादा 92 सीटें मिली थीं। बता दें कि 2022 में ही इमरान खान की सरकार गिर गई थी।
इशके बाद अगस्त में उनपर चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा दिया गया। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में इतनी ज्यादा संख्या में निर्दलीय सांसदों की वजह से सरकार में स्थिरता लाना मुश्किल होगा।
वहीं इमरान खान के समर्थकों ने सोशळ मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया था। इसका प्रभाव भी देखने को मिला। यहां इमरान के समर्थक लोगों को पोलिंग बूथ तक जाने का रास्ता तक सोशल मीडिया पर बता रहे थे।
हालांकि चुनाव के दिन इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
क्यों मिला इमरान को इतना समर्थन
इमरान को समर्थन मिलने की वजह है कि आवाम नहीं चाहती कि राजनीति में सेना का हस्तक्षेप रहे। ऐसे में नवाज शरीफ के खिलाफ लोगों ने वोट किया है।
कुछ जानकारों का कहना है कि लंबे समय से आर्थिक बदहाली से ऊब चुकी जनता ने सुधार की उम्मीद से इमरान खान का समर्थन किया।
वहीं इमरान खान को जेल में डाल देने की वजह से उनके प्रति एक स्वाभाविक संवेदना पैदा हो गई। इमरान खान एक सिलेब्रिटी के रूप में भी युवाओं में पसंद किए जाते हैं।