पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर जारी मतगणन के बीच राजनीति गरमा गई है।
सेना से तनाव के बीच जेल में बंद इमरान खान की पीटीआई ने सरकार बनाने का दावा किया है। साथ ही 8 फरवरी के चुनावों में वोटों की धांधली के आरोप भी लगाए गए हैं।
इसे लेकर नेता और कार्यकर्ता सड़क उतरे हुए हैं और विद्रोह की आशंका बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई की वेबसाइट बाधित की गई है और उनकी गूगल ड्राइव पर भी हमला हुआ है।
पीटीआई के समर्थित उम्मीदवार मांग कर रहे हैं कि इमरान खान की ओर से नियुक्त राष्ट्रपति आरिफ अल्वी उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। इसके अलावा, वे लोग मौजूदा कार्यवाहक सरकार और सेना के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव में हारने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को रिटर्निंग अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों पर उन्हें गलत फॉर्म देने का आरोप है।
इसी कड़ीं में पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ और उनकी बेटी के नेशनल असेंबली चुनाव में जीत हासिल करने को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
इसमें आरोप लगाया गया कि निर्वाचन आयोग ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इन सबके बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPM) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के बीच बातचीत चल रही है।
कहा जा रहा है कि पीपीपी के आसिफ अली जरदारी नवाज के बिना सरकार बनाने के इच्छुक हैं। वह पीएमएल-एन चीफ के छोटे भाई शहबाज को नेता बनाने की वकालत कर रहे हैं, मगर खुद के लिए राष्ट्रपति पद की मांग की है।
सेना ने गठबंधन सरकार बनाने पर दिया जोर
किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने और हालात बिगड़ता देख सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने बड़ी पहल की है। उन्होंने देश में गठबंधन सरकार बनाने के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आह्वान का समर्थन किया है।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने कहा कि उन्हें देश में गठबंधन सरकार बनने की उम्मीद है।
जनरल मुनीर के हवाले से बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रीय उद्देश्य से जुड़ी सभी लोकतांत्रिक ताकतों की एकीकृत सरकार हो जो पाकिस्तान की विविध राजनीति और बहुलवाद का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व करे।’ उन्होंने कहा कि चुनाव और लोकतंत्र पाकिस्तान के लोगों की सेवा करने के साधन हैं।
इमरान खान के जीत के दावे से गरमाया माहौल
दरअसल, पाकिस्तान में सेना को काफी शक्तिशाली माना जाता है जिसने पिछले 75 से अधिक वर्षों में आधे से अधिक समय तक शासन किया है।
बयान में कहा गया, ’25 करोड़ लोगों के प्रगतिशील देश को अराजकता और ध्रुवीकरण की राजनीति से आगे बढ़ने के लिए स्थिर हाथों में सौंपने और मरहम लगाने की आवश्यकता है।
चुनाव जीत और हार की प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि जनादेश को निर्धारित करने की एक कवायद है।’ इस बीच, इमरान खान ने AI की मदद से ऑडियो वीडियो संदेश भेजकर आम चुनाव में जीत का दावा कर दिया।
खान ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास था कि लोग मतदान करने के लिए बाहर आएंगे और उन्होंने बड़ी संख्या में मतदान कर उनके भरोसे को कायम रखने के लिए अपने समर्थकों की सराहना की। इसके बाद से पीटीआई समर्थक और भी ज्यादा उत्साहित हैं और चुनावी में धांधली के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।