म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब भारत और रूस के संबंधों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने ऐसा ‘स्मार्ट’ जवाब दिया कि एंटनी ब्लिंकन भी खुद को हंसने से नहीं रोक सके।
दरअसल एक कार्यक्रम में ब्लिंकन और जयशंकर दोनों ही मौजूद थे और होस्ट उनसे सवाल कर रही थीं।
उनके एक सवाल पर जयशंकर ने कहा, अगर हम इतने स्मार्ट हैं कि हमारे पास बहुत सारे ऑप्शन हैं तो इसमें चिंता की क्या बात है। इसको लेकर तो आपको हमारी प्रशंसा करनी चाहिए।
रूस औऱ यूक्रेन के युद्ध को लेकर होस्ट ने एस जयशंकर से कहा, ऐसा लगता है कि भारत की विदेश नीति अब ‘नॉन अलाइनमेंट से ऑल अलाइनमेंट’ की ओर शिफ्ट हो गई है।
तेल खरीदने के मामले में भारत ने अमेरिका की बात नहीं मानी और रूस से लगातार व्यापारिक संबंध बने हुए हैं। इसपर जयशंकर ने कहा, क्या यह कोई समस्या है।
आखिर यह समस्या क्यों होनी चाहिए? अगर हम स्मार्ट हैं और हमारे पास पहुत सारे विकल्प हैं। आपको तो हमारी तारीफ करनी चाहिए।
ये दूसरों के लिए भी कोई समस्या नहीं है। मैं बताना चाहता हूं कि एक देश पर बहुत सारे दबाव होते हैं। किसी भी देश के साथ एक आयामी रिश्ते बनाना बहुत मुश्कि होता है।
जब मॉडरेटर ने एस जयंशकर से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान भी तेल खरीद जारी रखने को लेकर सवाल किया तो एंटनी ब्लिंकन मुस्कुरा रहे थे।
जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा, मैं नहीं चाहता कि आप ऐसी छाप छोड़ें कि हम बिना किसी सेंटिमेंट पर ध्यान दिए यूं ही शिफ्ट कर जाते हैं।
ऐसा बिल्कुल नहीं है। हम भी कुछ चीजों में विश्वास रखते हैं। हम लोगों को साथ लेकर चलते हैं। कुछ बातों को साझा करते हैं। लेकिन हर जगह पर बात एक जैसी नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि हर संबंध के पीछे कोई इतिहास होता है। जैसा कि अमेरिका और जर्मनी के बीच संबंधों का एक इतिहास है। वहीं अलग-अलग चीजों के लिए किसी देश को अलग-अलग दोस्तों की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा जीवन बहुत जटिल है। अच्छे सहयोगी आपको विकल्प देते हैं औऱ स्मार्ट सहयोगी उनमें से कुछ को ले लेते हैं।
बता दें कि एस जयशंकर के साथ एंटनी ब्लिंकन और उनके जर्मनी के समकक्ष एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। विदेश मंत्री 69वें म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी पहुंचे हैं।
एस जयशंकर ने इस प्लैटफॉर्म पर भारत को एक ऐसे गैर पश्चिमी देश के रूप में प्रोजेक्ट किया जिसका पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छा तालमेल है।
उन्होंने कहा, भारत एंटी वेस्ट नहीं बल्कि नॉन वेस्ट देश है जिसके पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छे संबंध हैं। BRICS और जी20 भी इसके उदाहरण हैं।
बता दें कि भारत में 2023 में रूस से कुल आयात का 35 फीसदी तेल रूस से आयात किया गया। मार्च 2023 में यह आयात बीते तीन साल में सबसे ज्यादा था।