Home विदेश ‘दिल पर एक मुक्के ने ली नवलनी की जान’, शातिर KGB की पुरानी तकनीक; जिसका पुतिन भी रहे हिस्सा…

‘दिल पर एक मुक्के ने ली नवलनी की जान’, शातिर KGB की पुरानी तकनीक; जिसका पुतिन भी रहे हिस्सा…

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े दुश्मन एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत के एक हफ्ते बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है।

रूस में नवलनी के समर्थक काफी दिनों से सोशल मीडिया के जरिए शव की मांग कर रहे थे।नवलनी के घऱवाले गुप्त अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं, जैसा कि उन्हें सरकार द्वारा बताया जा रहा है।

इस बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रूस के सबसे बड़े विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की ‘दिल पर एक ही मुक्का मारकर जान ली गई’।

ऐसा दावा है कि यह रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक पुरानी तकनीक है। केजीबी दुनिया में जासूसी इतिहास में सबसे खूंखार एजेंसी है, जिसका कभी व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा रहे हैं। 

व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक और रूस में सबसे बड़े विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की एक सप्ताह पहले आर्कटिक दंड कॉलोनी में मृत्यु हो गई थी।

रूस की तरफ से ऐसा बताया जरूर गया लेकिन, लोगों का मानना है कि नवलनी की मौत 16 फरवरी से पहले ही हो गई थी। यह बात इसलिए राज रखी गई ताकि जेल से सारे सबूत मिटा दिए जाएं। नवलनी 30 साल से अधिक समय से जेल की सजा काट रहे थे।

दिल पर मुक्का मारकर ले ली जान
मानवाधिकार समूह गुलगु.नेट के संस्थापक व्लादिमीर ओसेकिन ने एक स्रोत का हवाला देते हुए टाइम्स ऑफ लंदन को बताया, “नवलनी की हत्या दिल पर मुक्का मारकर ली गई होगी। यह केजीबी के विशेष बल डिवीजनों की एक पुरानी पद्धति है।”

 ओसेकिन ने कहा, “उन्होंने ऐसा करने से पहले नवलनी को काफी प्रताड़ित किया होगा और उसे कमजोर करने की सारी कोशिशें की गई ताकि एक ही झटके में नवलनी को मार दिया जाए।” ऐसा दावा है कि इसके लिए पहले नवलनी को जीरो डिग्री से नीचे तापमान में घंटो रखा गया होगा, खाना नहीं दिया गया। शरीर इतना कमजोर हो गया होगा कि एक झटके से दिल का दौरा आ जाए।

KGB की पुरानी तकनीक
केजीबी सोवियत रूस के इतिहास में सबसे खतरनाक सुरक्षा एजेंसी रही। इसे आधिकारिक तौर पर 3 दिसंबर, 1991 को भंग कर दिया गया था।

बाद में इसे नया नाम एसवीआर दिया गया जो बाद में संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) बन गई। केजीबी के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे खूंखार और खतरनाक खुफिया एजेंसी थी।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान स्टालिन को अमेरिका समेत मित्र देशों की सेना की सभी हरकतें पता होती थी, यह सब केजीबी के मजबूत सुरक्षा तंत्र से मुमकिन था। ऐसा माना जाता था कि केजीबी के एजेंट दुनिया के हर कोने में किसी न किसी रूप में मौजूद हैं।

पुतिन भी रहे केजीबी का हिस्सा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी केजीबी का हिस्सा रहे हैं। ऐसा बताया जाता है कि उन्होंने 16 साल की उम्र में पहली बार केजीबी के ऑफिस जाकर एजेंसी जॉइन करने की पेशकश की थी। तब उन्हें बताया गया कि इसके लिए आपके पास डिग्री होनी चाहिए या सेना में कार्य अनुभव। पुतिन 1971 से 1985 तक केजीबी में सेवारत रहे। 

नवलनी के शरीर में चोट के गहरे निशान
एक रिपोर्ट के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर आलोचक के शरीर पर “चोट के निशान” थे। सूत्रों का कहना है कि जेल में मरने वालों के शवों को आमतौर पर सीधे विदेशी चिकित्सा ब्यूरो में ले जाया जाता है, “लेकिन उनके शरीर को किसी कारण से अस्पताल में ले जाया गया।” उन्होंने कहा कि उसके शरीर पर “चोट के निशान” उन निशानों से मिलते जुलते हैं जो दौरे के दौरान जान पड़ते हैं। 

पुतिन पर हत्या करवाने के आरोप
नवलनी के परिवार और समर्थकों ने पुतिन पर उनकी हत्या कराने का आरोप लगाया है। उधर, क्रेमलिन ने इन आरोप को खारिज कर दिया है। उधर, पुतिन, जिन्होंने अपने भाषणों में कभी नवलनी का उल्लेख नहीं किया, ने अभी तक उनकी मृत्यु पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

नवलनी की मौत पर रूस क्या कहता है
रूसी अधिकारियों के अनुसार, नवलनी “उस दिन टहलने के बाद अचानक अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। तुरंत ही होश खो बैठे”। उन्होंने दावा किया, “नवलनी को होश में लाने के लिए पूरे प्रयास किए गए लेकिन, वो सब प्रयास काम नहीं आए। इसके बाद एम्बुलेंस के डॉक्टरों ने नवलनी की मौत की पुष्टि की।

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