यूक्रेन युद्ध के बीच रूस पर आरोप लगे हैं कि वह भारतीय युवकों को जबरन अपनी सेना में भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में तैनात रहा है।
खुद भारत सरकार ने इस मामले को रूस के सामने उठाया है। इस बीच एक भारतीय नागरिक की रूस में मिसाइल हमले के दौरान मौत हो गई।
गुजरात के रहने वाले 23 वर्षीय हेमिल मंगुकिया की 21 फरवरी को रूस में हुए एक मिसाइल हमले में मौत हो गई थी। हेमिल का शव भारत नहीं आया।
वह सूरत के पाटीदार इलाके वराछा के आनंदनगर वाडी के रहने वाले थे। अब मंगुकिया परिवार सोमवार शाम अपने घर में शव के बिना ही अंतिम संस्कार करेगा।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हेमिल के पिता अश्विन मंगुकिया ने कहा, “हम अपनी सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह रूसी अधिकारियों से बात करें और मेरे बेटे का शव उसके गृह नगर सूरत ले आएं। 21 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी। हमें यह भी नहीं पता कि उसका शव कहां है। हमारे पास किसी और से बात करने को लेकर कोई जानकारी तक नहीं है। हम असहाय हैं।”
उनके मुताबिक, हेमिल ने आखिरी बार उनसे 20 फरवरी को बात की थी। 21 फरवरी को उसकी मौत हो गई। हेमिल ने अपने पिता को बताया था कि वह ठीक है लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह कौन सी नौकरी करता है।
परिवार को केवल इतना पता था कि वह रूस में “हेल्पर” के रूप में काम करता था। बाद में उन्हें पता चला कि हेमिल को यूक्रेन सीमा पर “युद्ध क्षेत्र में तैनात किया गया” था।
अश्विन ने कहा कि हेमिल की मौत की खबर उन्हें 23 फरवरी को मिली। उन्होंने कहा, “खुद को हैदराबाद निवासी इमरान बताने वाले ने हमें शुक्रवार (23 फरवरी) शाम 6 बजे फोन किया और हमें युद्ध क्षेत्र में एक मिसाइल हमले में उसकी मौत के बारे में बताया। इमरान ने कहा कि उसका भाई भी हेमिल के साथ था।” ये मामला ऐसे समय में सामने आया है जब रूस पर आरोप हैं कि उसने कई भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में तैनात किया है।
इस बीच भारतीय युवकों को कथित रूप से जबरन रूस की सेना में भर्ती करने और उन्हें यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात करने के मामले को भारत सरकार ने रूस के सामने उठाया है।
साथ ही ऐसे युवकों को जल्द मुक्त करने की मांग की है। हाल में इस बाबत मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई हैं जिसमें कुछ युवकों ने दावा किया है कि उन्हें एजेंट रूस में नौकरी दिलाने के बहाने ले गए और रूसी सेना के जरिये उन्हें यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात किए गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रश्न के जवाब में कहा, “हम जानते हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए अनुबंधित किया गया है। मास्को में स्थित भारतीय दूतावास नियमित रूस से इस मामले को रूसी अधिकारियों के सामने उठा रहा है ताकि उनको जल्द मुक्त किया जा सके।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम सभी भारतीयों से भी आग्रह करते हैं कि वे ऐसे मामलों में उचित सावधानी बरतें तथा इस संघर्ष से दूर रहें। मालूम हो कि मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना एवं कश्मीर के तीन युवकों के मामले सामने आए हैं, जो एजेंट के जरिए रूस पहुंचे।
उन्हें सेना में सहायक के रूप में भर्ती किया गया। इसके बाद उन्हें यूक्रेन सीमा पर तैनात किया गया। इनमें से एक युवक घायल भी है। इनके परिजनों ने भारत सरकार से उन्हें जल्द स्वदेश लाने की मांग की है।