बेंजामिन नेतन्याहू की सेना और हमास आतंकियों के बीच गाजा पट्टी पर हो रहे भीषण युद्ध के बीच इजराइली धरती पर 7 अक्टूबर जैसा हमला हुआ है।
उत्तरी इजरायल के माउंट मेरोन इलाके पर आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने रातभर बम बरसाए। रॉकेट हमले की जिम्मेदारी हिजबुल्लाह ने ले ली है।
हिजबुल्लाह ने मिनटों में 37 मिसाइलें दागी। इस हमले में इजरायल की तरफ से सबसे बड़ा फेलियर उसकी मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली आयरन डोम रही, जो 37 में से सिर्फ 7 मिसाइलों को ही जमीन पर आने से रोक पाई।
हिजबुल्लाह ने इस हमले को लेकर कहा कि वह हमास का बदला ले रहे हैं। बेकसूर फिलिस्तीनियों की बड़े पैमाने पर मौत पर नाराजगी जाहिर की है।
हिजबुल्लाह ने इजरायली धरती पर हवाई हमले के लिए अपने नागरिकों की मौत का बदला करार दिया है। पिछले साल अक्टूबर में गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह और इजरायल लगभग रोजाना सीमा पार हमले कर रहे हैं।
लेबनान में पिछली रात इजरायली हवाई हमले में आतंकवादी समूह के तीन सदस्यों सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। मरने वाले हिजबुल्लाह के आतंकियों में जाफ़र मरजी, अली मरजी और हसन मरजी थे।
इसके जवाब में हिजबुल्लाह ने रविवार को उत्तरी इजरायल पर मिनटों में 37 रॉकेट दागे।
आईडीएफ के अनुसार, कुछ समय पहले माउंट मेरोन क्षेत्र में लेबनान से दो बार में लगभग 37 रॉकेट दागे गए थे। आईडीएफ का कहना है कि पहली बौछार में 30 रॉकेट दागे गए।
इनमें से एक मिसाइल को आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली द्वारा रोक दिया गया था। इसमें कहा गया है कि दूसरी बौछार में सात रॉकेट दागे गए, जिनमें से छह को सफलतापूर्वक मार गिराया गया।
आईडीएफ ने हमले वाले इलाके से किसी भी व्यक्ति को चोट या मौत की पुष्टि नहीं की है। हिजबुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने मेरोन शहर पर दर्जनों रॉकेट दागे।