रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारत में आम चुनाव संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने-अपने देशों की यात्रा के लिए आमंत्रित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर हुई अलग-अलग बातचीत में मोदी ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी को ‘पीसमेकर’ (शांति स्थापित करने वाले) के रूप में देखते हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पुतिन और जेलेंस्की दोनों ने मोदी को भारत में आम चुनाव खत्म होने के बाद अपने-अपने देशों की यात्रा करने का न्योता दिया है।’’
प्रधानमंत्री ने अतीत में विदेशी नेताओं द्वारा उन्हें अपने देशों की यात्रा करने के लिए दिए गए निमंत्रण का हवाला देते हुए दावा किया था कि वह लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज कर फिर से सत्ता में आने वाले हैं। देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव शुरू होगा और जून के पहले सप्ताह में खत्म हो जाएगा।
पिछले महीने पार्टी के एक सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हजारों प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जुलाई, अगस्त और सितंबर में कई विदेशी नेताओं ने उन्हें आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा था कि इससे पता चलता है कि ये देश भी जानते हैं कि ‘आएगा तो मोदी ही’।
पुतिन के साथ बातचीत में मोदी ने उन्हें पांचवें कार्यकाल की बधाई दी और कहा कि बातचीत और कूटनीति रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने की दिशा में आगे का रास्ता है।
पुतिन ने चुनाव के लिए मोदी को शुभकामनाएं भी दीं। जेलेंस्की से बातचीत में मोदी ने कहा कि भारत संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भारत-यूक्रेन साझेदारी को मजबूत करने पर अच्छी बातचीत हुई। शांति के सभी प्रयासों और जारी संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के लिए भारत के लगातार समर्थन से अवगत कराया। भारत अपनी जन-केंद्रित दृष्टिकोण द्वारा निर्देशित मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।’’
एक बयान में कहा गया कि जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत की निरंतर मानवीय सहायता की सराहना की। उसके मुताबिक दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।